प्रमुख स्टार्टअप इनमोबि देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र में बड़ी कंपनियों को टक्कर देने के लिए तैयार है। इनमोबि के मोबाइल सामग्री प्लेटफॉर्म ग्लैंस ने हाल में गूगल के नेतृत्व में एक वित्त पोषण दौर के तहत 14.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। इसे दो साल पहले लॉन्च किया गया था और यह यूनिकॉर्न का दर्जा पहले ही हासिल कर चुका है। ग्लैंस अब एक ई-कॉमर्स मॉडल पर काम कर रहा है जो एमेजॉन, फ्लिपकार्ट अथवा जियो के मॉडल से अलग है और जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भौतिक बाजार की अवधारणा को दोहराता है।
ग्लैंस का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उत्पादों की प्रभावक आधारित प्रेरक खरीदारी (प्रभावक ही विक्रेता बन जाएगा) पेशकश करेगा। इसके तहत फैशन उत्पादों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता वस्तुओं और खाद्य आदि तमाम उत्पादों की पेशकश करने की योजना है। इसके लिए कंपनी लॉजिस्टिक्स, पैकिंग एवं भुगतान कंपनियों के साथ साझेदारी के तहत एंड-टु-एंड ई-कॉमर्स बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है ताकि दूरदराज के ग्राहकों के लिए भी डिलिवरी सुनिश्चित की जा सके।
ग्लैंस फिलहाल मोबाइल फोन लॉक स्क्रीन पर मनोरंजन, समाचार, खेल और वीडियो गेम उपलब्ध कराती है और वह 12.5 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता पहले ही हासिल कर चुकी है। इसमें से 10 करोड़ से अधिक दैनिक उपयोगकर्ता भारत में हैं जिन्हें इस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के मुद्रीकरण का लाभ दिया जाएगा।
इनमोबि ग्रुप ने पिछले साल रोपोसो को खरीदा था जो चीन के प्रतिबंधित ऐप टिकटॉ के समान एक छोटा वीडियो प्लेटफॉर्म है। उसने इस उत्पाद को ग्लैंस के साथ एकीकृत किया है। कंपनी ने श्याओमी, सैमसंग, वीवो आदि एंड्रॉयड मोबाइल फोन विनिर्माताओं के साथ करार किया है ताकि उनके स्मार्टफोन में इसे सेवा को पहले से ही इंस्टॉल किया जा सके।
इनमोबि ग्रुप के संस्थापक एवं सीईओ नवीन तिवारी ने ई-कॉमर्स संबंधी योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा, ‘हम अगले छह महीनों में एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की उम्मीद करते हैं। हम डिजिटल क्षेत्र में एक बाजार का तैयार कर रहे हैं जहां हमारे प्लेटफॉर्म पर प्रभावक उत्पादों को आगे बढ़ाएंगे जिन्हें आप सीधे खरीद सकते हैं। हम बेहतर उपभोक्ता अनुभव सुनिश्चित करेंगे। हम एक अलग तरह का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं।’
