खान मंत्रालय महत्त्वपूर्ण खनिज के लिए अपतटीय ब्लॉक की पहली नीलामी गुरुवार को करने के लिए तैयार है। इसके जरिये समुद्र पर आधारित नीली अर्थव्यवस्था के संसाधनों का उपयोग करने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार उद्घाटन के इस दौर में 13 ब्लॉक की नीलामी होगी।
खान मंत्रालय के अनुसार, ‘पहली खेप में अरब सागर और अंडमान सागर में फैले हुए चुनिंदा 13 खनन ब्लॉकों को शामिल किया गया है। इन ब्लॉक में निर्माण में इस्तेमाल होने वाली रेत, चूना मिट्टी और बहुधात्विक पिंडों (पॉलीमेटेलिक नोड्यूल) के भंडार हैं।’ अपतटीय खनन में समुद्र की सतह या सागर तल से नीचे खनन करके खनिज हासिल किए जाते हैं।
इन खनिजों में निर्माण ग्रेड सिलिका रेत, चूना मिट्टी, कैलकेरियस मड, कीमती धातुएं और दुर्लभ भू तत्व शामिल हैं। भारतीय प्रायद्वीप को घेरने वाले तीन बड़े समुद्रों हिन्द महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में अपतटीय खनिज पाए जाते हैं। उम्मीद यह है कि अपतटीय खनन से निर्माण में इस्तेमाल होने वाली रेत, पॉलीमेटेलिक नोड्यूल और कई अन्य तत्व प्राप्त हो सकते हैं।
दरअसल पॉलीमेटेलिक नोड्यूल और क्रस्ट आमतौर पर मूल्यवान हैं जिनमें मैंगनीज, निकल और कोबाल्ट जैसी धातुएं होती हैं। ये धातुएं बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अनिवार्य होती है। भारत अपतटीय खनिज की खोज की शुरुआत कर अपने खास आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के तहत आने वाले समुद्र में खोज करेगा। भारत का ईईजेड करीब 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर (9,15,057 वर्ग मील) में फैला हुआ है। यह क्षेत्र भारत के समुद्र तटीय इलाके से 200 नॉटिकल मील (370.4 किलोमीटर) तक फैला है।
भारत के अपतटीय खनन शुरू करने से राष्ट्र की स्पष्ट भूवैज्ञानिक क्षमता (ओजीपी) बढ़ने का अनुमान है जो अभी 6.88 लाख वर्ग किलोमीटर है। संसद ने अपतटीय क्षेत्र खनन (विकास और विनियमन) अधिनियम, 2002 को अगस्त 2023 में संशोधित किया था। इससे अपतटीय क्षेत्र में खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर आवंटन करने का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
केंद्र सरकार महत्त्वपूर्ण खनिजों की नीलामी करने के तकरीबन एक साल बाद अपतटीय महत्त्वपूर्ण खनिज ब्लॉक की नीलामी करने जा रही है। सरकार ने 2023 के बाद से महत्त्वपूर्ण खनिजों की नीलामी के चार दौर आयोजित किए थे जिसमें महत्त्वपूर्ण खनिज के 22 ब्लॉक थे। इन महत्त्वपूर्ण खनिजों में लीथियम, वैनेडियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट और मैंगनीज शामिल थे।
सागर में इन खनिजों के खनन में काफी चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपतटीय क्षेत्र संचालन अधिकार नियम, 2024 पेश किया गया। इसमें पट्टा लेने वाला उत्पादन आर्थिक रूप से घाटा का सौदा साबित होने की स्थिति में 10 साल बाद इसे वापस कर सकता है। इससे अपतटीय खनन ज्यादा व्यावहारिक हो गया है।