भारत के वैश्विक दक्षता केंद्र (जीसीसी) देश में अगली पीढ़ी के उद्यमी तैयार करने के लिए प्रमुख रणनीतिक केंद्र के तौर पर उभर रहे हैं। वे कारोबार के संचालन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बड़ी परियोजनाओं का नेतृत्व करते हैं और अपनी मूल कंपनी को निर्णय लेने में मदद करते हैं। इस तरह जीसीसी लगातार सीएक्सओ स्तर की प्रतिभा तैयार कर रहे हैं।
एआई, मशीन लर्निंग और जेनएआई जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी पर प्रमुखता से ध्यान केंद्रित करते हुए जीसीसी वैश्विक सीआईओ और सीटीओ तैयार करने के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। बिजनेस लीडरशिप जैसी भूमिकाएं अभी भी उभर रही हैं। इसलिए लागत कम करने के लिए शुरू किए गए जीसीसी अब उद्यमों के लिए प्रमुख केंद्र बनते जा रहे हैं।
यही वजह है कि जीसीसी के प्रमुखों को वैश्विक मुख्य सूचना अधिकारी और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी जैसी भूमिकाओं के लिए पदोन्नति दी जा रही है। कई मामलों में उन्हें विदेश भेजा जा रहा है जो यह दर्शाता है कि मूल कंपनी के परिचालन के लिए जीसीसी कितने महत्त्वपूर्ण हो गए हैं।
चिली की रिटेल कंपनी फलाबेला के मुख्य सूचना अधिकारी आशिष ग्रोवर को 2021 में इस बड़ी जिम्मेदारी के साथ सैंटियागो भेज दिया गया था। मगर इससे पहले वह भारत में कंपनी के प्रौद्योगिकी केंद्र के प्रबंध निदेशक पद पर कार्यरत थे।
ग्रोवर ने कहा, ‘मेरे लिए एक फायदा यह था कि मैंने कंपनी की ई-कॉमर्स इकाई के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के रूप में शुरुआत की जो एक वैश्विक भूमिका थी। इसके अलावा मैं एमडी भी था यानी भारतीय प्रौद्योगिकी इकाई को स्थापित करने में मेरी भूमिका थी। इसका मतलब जमीनी स्तर पर चीजों को समझना और कंपनी के व्यापक कार्यक्षेत्र से भलीभांति अवगत होना है।’
ग्रोवर ई-कॉमर्स इकाई का नेतृत्व कर रहे थे। इसलिए उन्होंने भारत और चिली में एक दमदार एवं प्रभावशाली टीम तैयार करने की कोशिश की। उनकी टीम दोनों संस्कृतियों के बीच काम कर रही थी। ग्रोवर ने कहा, ‘डोमेन का ज्ञान और रणनीतिक क्रियान्वयन के अलावा व्यक्ति को संस्कृति से सही तालमेल भी बिठाने की जरूरत होती है।’
एएनएसआर के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी ललित आहूजा भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जीसीसी स्थापित करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि ये केंद्र मुख्य उद्यम में बदल गए हैं जो काफी दमदार हैं और कारोबारी नतीजों को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीसीसी को अब एक दशक पहले की तरह लागत बचाने वाले केंद्र के रूप में नहीं देखा जाता है। जीसीसी के परिपक्व होने के साथ ही वहां के वरिष्ठ अधिकारी भी एंटरप्राइज लीडर के रूप में उभर रहे हैं।
जीसीसी के लिए सबसे वरिष्ठ भूमिका आम तौर पर सीईओ से कुछ स्तर नीचे की होती है। वे कामकाज संबंधी नतीजों के लिए जिम्मेदार होते हैं और उनके पास कारोबारी पोर्टफोलियो का एक बड़ा हिस्सा होता है। वे सीधे मुख्यालय को रिपोर्ट करते हैं। इस प्रकार वे मूल कंपनी के दृष्टिकोण एवं उद्देश्य के साथ करीबी से जुड़े होते हैं।
मकानों के रखरखाव एवं मरम्मत संबंधी वस्तुओं की खुदरा बिक्री करने वाली अमेरिकी कंपनी लोव्स ने पिछले साल अंकुर मित्तल को अपने भारतीय कारोबार का एमडी एवं सीटीओ नियुक्त किया था। वह अपनी नई भूमिका में इस सभी चैनल प्लेटफॉर्म के अलावा विभिन्न ऐप्लिकेशन एवं दक्षता पोर्टफोलियो के लिए एंटरप्राइज आर्किटेक्चर स्ट्रेटजी, कॉरपोरेट सर्विस टेक्नोलॉजी, आईटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग के लिए जिम्मेदार हैं। मित्तल ने कहा कि वैश्विक जिम्मेदारियों को संभालने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण गुण ऐसे आइडिया देने की क्षमता है जिसके बारे में उस समय कोई न सोच रहा हो।