यातायात तय करेगा इंडिगो का क्यूआईपी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:33 AM IST

अगर बिक्री से राजस्व में सुधार दिखा तो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो अपनी कोष उगाही योजना से पीछे हट सकती है।

कंपनी के निदेशक मंडल ने पिछले महीने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये 4,000 करोड़ रुपये तक की रकम जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी।

क्यूआईपी एक ऐसा कोष उगाही विकल्प है जिसके जरिये सूचीबद्घ कंपनियां पात्र संस्थागत खरीदारों को शेयर, पूर्ण रूप से और आंशिक तौर पर परिवर्तनीय डिबेंचर, या किसी भी तरह की प्रतिभूतियों को बेच सकती हैं।

इंडिगो के मुख्य कार्याधिकारी रनंजय दत्ता ने कंपनी की सालाना आम बैठक में एक शेयरधारक के सवाल के जवाब में कहा, ‘बोर्ड ने कोष उगाही के लिए क्यूआईपी के संबंध में प्रस्ताव को पारित किया है, लेकिन क्या हम आखिरकार इस पर पूरी तरह से आगे बढ़ पाएंगे या नहीं, यह बिक्री राजस्व पर निर्भर करेगा। मौजूदा समय में, मैं यह कहना चाहूंगा कि क्यूआईपी लाए जाने के 50:50 प्रतिशत आसार हैं।’

दत्ता का यह बयान कोष उगाही की जरूरत को लेकर प्रबंधन के साथ कुछ शेयरधारकों की असहमति के बाद आया है। इन शेयरधारकों का मानना है कि जब कंपनी के पास अच्छा नकदी बैलेंस है और वह लागत नियंत्रण के लिए पहले से ही कई उपायों पर काम कर रही है तो नई कोष उगाही जरूरी नहीं है।

30 जून तक इंडिगो के पास कुल नकदी बैलेंस 18,449.9 करोड़ रुपये था, जिसमें 7,527.6 करोड़ रुपये की मुक्त नकदी और 10,922.2 करोड़ रुपये का रीस्ट्रिक्टिड कैश यानी सिर्फ खास उद्देश्य वाली नकदी थी।

शेयरधारक इस तरह की प्रक्रिया को लेकर सामान्य तौर पर अनिच्छुक रहते हैं, क्योंकि क्यूआईपी की वजह से मौजूदा शेयरधारकों की संख्या में कमी आती है।

कंपनी में उसके संस्थापकों और सह-प्रवर्तकों राहुल भाटिया तथा राकेश गंगवाल की 74.86 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने शुरू में कहा था कि

क्यूआईपी की वजह से प्रवर्तकों द्वारा हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत की कमी की जा सकती है।

कंपनी ने अपने स्वामित्व वाले 13 विमानों की बिक्री एवं लीजबैक जैसी लागत कटौती की अन्य प्रक्रियाएं भी शुरू की हैं और वह दरों में कमी के लिए पट्टादाताओं के साथ बातचीत कर रही है, नकदी स्तर बढ़ाने के प्रयास में कर्मियों की संख्या में 10 प्रतिशत की कमी लाने, वेतन कटौती और वित्त वर्ष 2020 के लिए लाभांश नहीं दिए जाने जैसे कदमों पर भी काम कर रही है। कंपनी पुराने ए320 सियो विमान की जगह ए320 नियो को शामिल कर रही है जिससेमैंटेनेंस खर्च में कमी आएगी।

कंपनी पर नजर रख रहे विश्लेषकों का कहना है कि इंडिगो इसलिए भी कोष उगाही प्रक्रिया से पीछे हट सकती है, क्योंकि सरकार द्वारा बुधवार को घरेलू यात्री उड़ानों की सीमा बढ़ाए जाने के बाद कंपनी को अपनी बिक्री में इजाफा होने की उम्मीद है। सरकार के इस निर्णय की वजह से एयरलाइनें अपनी परिचालन क्षमता को 45 प्रतिशत से बढ़ाकर कोविड-पूर्व स्तरों के 60 प्रतिशत तक कर सकेंगी। इसकी वजह यह है कि उसकी प्रतिस्पर्धियों की कमजोर वित्तीय हालत ने इंडिगो को इसका लाभ उठाने की स्थिति में ला दिया है।

First Published : September 4, 2020 | 11:54 PM IST