देश की चौथी सबसे बड़ी रियल एस्टेट की कंपनी इंडियाबुल्स 996 करोड़ रुपये में देव प्रॉपर्टी डेवलपमेंट को खरीदेगी। इंडियाबुल्स देव प्रॉपर्टी के एक शेयर के बदले में ग्लोबल डिपोजिटरी रेसिप्ट का कुछ हिस्सा देगी। भारत में तेजी से हो रहे आर्थिक विकास के चलते आने वाले समय में दुकानों, मकानों और कार्यालयों के लिए जगह के कारोबार में भी भारी उछाल आएगा। कंपनी इसी को भुनाने के लिए विस्तार योजनाओं पर काम कर रही है।
चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.7 प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है। इस बात के भी स्पष्ट संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था की यह दौड़ आगे भी चलती रहेगी। ऐसे में रियल एस्टेट के क्षेत्र में भी तेजी आना तय है। ऐसा अनुमान है कि आने वाले समय में भारत में रियल एस्टेट का कारोबार 36240 अरब रुपये तक पहुंच जाएगा। रियल एस्टेट के बाजार में आ रहे इस उफान को भुनाने के लिए कंपनियां अपनी पूरी तैयारी में जुटी हैं। भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ लिमिटेड सहित कई और कंपनियां इस बाजार में अधिक से अधिक हिस्सेदारी झटकने की कोशिशों में लगी हैं।
देव प्रॉपर्टी पहले से ही दो परियोजनाओं में इंडियाबुल्स के साथ काम कर रही है। दोनों कंपनियों ने मध्य मुंबई में एक व्यावसायिक इमारत बनाई है। इसके साथ ही मुंबई के पास रायगढ़ में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र को भी दोनों कंपनियां मिलकर बना रही हैं। देव प्रॉपर्टी की सिंगापुर में दो परियोजनाओं में भी हिस्सेदारी है। इसको भी कंपनी इंडियाबुल्स प्रॉपर्टीज इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट को 11.4 करोड़ पाउंड में बेचेगी। देव प्रॉपर्टीज के निदेशक मंडल ने इस प्रस्ताव के लिए न्यूमिस सिक्योरिटी लिमिटेड से जरूरी परामर्श सेवाएं ली हैं। निदेशक मंडन ने इस प्रस्ताव को आकर्षक बताया है। इंडियाबुल्स फाइनेंशियल सर्विसेज ने पिछले साल फरवरी में ही रियल एस्टेट के क्षेत्र में कदम रखा है।