बुनियादी ढांचा फर्म आईएलऐंडएफएस ने गुरुवार को कहा कि उसने चीन की सड़क परिसंपत्ति चॉन्गक्विंग यूहे एक्सप्रेसवे कंपनी लिमिटेड (सीवाईईसी) की 49 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री पूरी कर ली है, जो मुख्य रूप से कर्ज घटाने के लिए बेचा गया है। कंपनी को सिंगापुर में इस सौदे से 1,035 करोड़ रुपये मिले।
हिस्सेदारी बिक्री चाइना मर्चेंट्स ऐंड पिंगएन इन्फ्रास्ट्रक्चर फेज-1 इक्विटी इन्वेस्टमेंट फंड कंपनी लिमिटेड को की गई है, जो पिंगएन इंश्योरेंस व चाइना मर्चेट्स का संयुक्त फंड है।
कंपनी ने दावा किया कि ओरिक्स को पवन ऊर्जा परिसंपत्तियां बेचे जाने के बाद यह आईएलऐंडएफएस का सबसे बड़ा लेनदेन है। इस सौदे से मिली रकम का इस्तेमाल बैंक ऑफ बड़ौदा का 8.8 करोड़ डॉलर कर्ज का भुगतान करने और बाकी आईआईपीएल देनदारी के निपटान में किया जाएगा। एक अधिकारी ने बयान में ये बातें कही।
सीवाईईसी में आईएलऐंडएफएस समूह की 49 फीसदी हिस्सेदारी त्यागी गई सिंगापुर की सहायक आईटीएनएल इंटरनैशनल पीटीई लिमिटेड के जरिये थी। बाकी 51 फीसदी हिस्सेदारी चॉन्गक्विंग एक्सप्रेसवे ग्रुप के पास थी। पिंगएन ने 100 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 28.1 करोड़ डॉलर के एंटरप्राइज वैल्यू पर बोली लगाई थी। इससे आईआईपीएल की 49 फीसदी हिस्सेदारी की कीमत करीब 14 करोड़ डॉलर निकली और पिंगएन सीवाईईसी का 1,600 करोड़ रुपये कर्ज अधिग्रहीत करने पर भी सहमत हुई।
सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश डी के जैन और एनसीएलटी की मंजूरी के बाद यह सौदा पूरा हुआ। आईटीएनएल ऑफशोर पीटीई लिमिटेड और आईटीएनएल इंटरनैशनल पीटीई लिमिटेड, सिंगापुर में आईएलऐंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवक्र्स लिमिटेड की सहायक है।
सीवाईईसी के पास चीन में 58.72 किलोमीटर लंबे टोल आधारित एक्सप्रेसवे में रियायत व परिचालन का अधिकार 2032 तक है। कंपनी के पास वहां से गुजरने वालों से टोल इकट्ठा करने और चीन की सरकार से रियायत पाने का अधिकार बाकी अवधि के लिए है।
आईएलऐंडएफएस प्रबंधन व नए निदेशक मंडल ने कहा था कि उसने समूह के करीब 32,000 करोड़ रुपये के कर्ज का समाधान कर दिया है।
समूह ने अनुमान जताया है कि कि वित्त वर्ष 2022 तक वह 56,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज का समाधान कर लेगा, जो अक्टूबर 2018 मेंं कुल 99,000 करोड़ रुपये था।
