हेक्सावेयर का प्राइवेट बनना तय

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 1:23 AM IST

मध्यम आकार की आईटी फर्म हेक्सावेयर टेक्नोलॉजिज जल्द ही प्राइवेट हो जाएगी। प्रवर्तक बेरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया ने रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के तहत तय 475 रुपये प्रति शेयर की निकासी कीमत स्वीकार कर ली है। प्राइवेट इक्विटी दिग्गज को आम शेयरधारकों से 37.9 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में 5,400 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। रिवर्स बुक बिल्डिंग के जरिए तय कीमत कंपनी की तरफ से रखे गए फ्लोर प्राइस 285 रुपये के मुकाबले करीब 67 फीसदी प्रीमियम दर्शाती है।
बाजार पर नजर रखने वालों ने कहा कि साल 2018 में पोलारिस कंसल्टिंग के बाद यह पहली हाई प्रोफाइल डीलिस्टिंग है।
पिछले दो वर्षों में आईनॉस स्टाइरोल्यूशन और लिंडे इंडिया जैसी कंपनियों की डीलिस्टिंग की कोशिशें कामयाब नहीं हुई जब प्रवर्तकों ने रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के तहत तय कीमत को ठुकरा दिया। हालांकि इन दोनों मामलों में तय कीमत प्रवर्तकों की सांकेतिक कीमतों के मुकाबले क्रमश: 2.3 गुना व 4.7 गुना थी।
प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, साल 2019 के बाद से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा वाली एक भी कामयाब डीलिस्टिंग नहीं हुई है। विशेषज्ञोंं ने कहा कि डीलिस्टिंग तभी कामयाब हो सकती है जब आम शेयरधारक उम्मीदों को लेकर वास्तविक स्थिति में हों।
डीलिस्टिंग की कामयाबी के लिए प्रवर्तक को कम से कम 90 फीसदी शेयरधारिता का अधिग्रहण करना होता है। अभी बेरिंग के पास हेक्सावेयर की 62.3 फीसदी हिस्सेदारी है। इस शेयरधारिता को 90 फीसदी पर ले जाने के लिए उसे कम से कम 27.6 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी होगी यानी आम शेयरधारकोंं से 8.27 करोड़ शेयर खरीदने होंगे।
सार्वजनिक नोटिस में हेक्सावेयर ने कहा है कि वह 8.72 करोड़ टेंडर शेयरों का अधिग्रहण रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया की निकासी कीमत या उससे नीचे करेगी। अधिग्रहण के बाद प्रवर्तक समूह की हिस्सेदारी 91.16 फीसदी हो जाएगी, जो डीलिस्टिंग की कामयाबी के लिए तय इक्विटी शेयरों की न्यूनतम संख्या से ज्यादा होगी।
कंपनी ने कहा कि कामयाबी के साथ अपना शेयर टेंडर करने वाले शेयरधारकों को भुगतान 30 सितंबर तक किए जाएंगे। बुधवार को हेक्सावेयर का शेयर 1.6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 468 रुपये पर बंद हुआ।
जिन निवेशकों की बोली आरआरबी में खारिज हो जाएगी उसे भी अपने श्शेयर 475 रुपये के भाव पर कंपनी को बेचने का मौका मिलेगा। हेक्सावेयर ऐसे निवेशकों के लिए शेयर टेंडर की प्रक्रिया इस बीच घोषित कर सकती है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा कि असूचीबद्ध कंपनी का शेयर अपने पास रखने के बजाय अपना शेयर टेंडर करना उनके लिए बेहतर होगा। ब्रोकरेज ने कहा, हमारा मानना है कि शेयरों की डीलिस्टिंग के बाद 475 रुपये की डीलिस्टिंग कीमत पाने की प्रक्रिया अगले साल देखने को मिलेगी। यह मुश्किल प्रक्रिया हो सकती है। ऐसे में हम निवेशकों को मौजूदा बाजार भाव पर इससे निकलने की सलाह देंगे, जो डीलिस्टिंग कीमत के करीब है।
इस साल कुछ कंपनियों ने डीलिस्टिंग योजना की घोषणा की है, उनमें अनिल अग्रवाल की वेदांत और गौतम अदाणी की अदाणी पावर शामिल है। हालांकि इन कंपनियों ने अभी आरआरबी प्रक्रिया पेश सामने नहीं रखी है।

First Published : September 24, 2020 | 1:05 AM IST