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तीन साल में भारत बनेगा अगोडा का टॉप 3 मार्केट, CEO बोले- भारतीय बाजार में दिख रही अपार संभावनाएं

अगोडा के सीईओ ने कहा कि भारत जल्द ही कंपनी का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनेगा, अगर वीजा प्रक्रिया आसान हुई तो देश में विदेशी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ेगी।

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अक्षरा श्रीवास्तव   
गुलवीन औलख   
Last Updated- June 16, 2025 | 10:37 PM IST

अपनी बढ़ती अर्थव्यवस्था और घरेलू यात्राओं की बदौलत भारतीय बाजार में लगातार तेजी आ रही है, ऐसे में अगोडा के वैश्विक मुख्य कार्य अधिकारी ओम्री मॉर्गेनश्टर्न ने नई दिल्ली में अक्षरा श्रीवास्तव और गुलवीन औलख के साथ बातचीत में कहा कि भारत में उसका तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनने की क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत वीजा प्रक्रिया को आसान बनाता है और विदेशी पर्यटकों के लिए यात्रा पहुंच को निर्बाध बनाता है, तो भारत में यात्रा और बाजार का आकार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अपना तकनीकी श्रमबल बढ़ाने के मामले में भारत न केवल कंपनी का शीर्ष बाजार है, बल्कि उन तीन देशों में भी है, जहां वह विज्ञापन करता है। प्रमुख अंश …

आप प्राथमिकता वाले बाजारों की अपनी सूची में भारत को कहां देखते हैं। अगले तीन वर्षों में इसे किस तरह बढ़ते हुए देख रहे हैं?

भारत निश्चित रूप से हमारे शीर्ष पांच बड़े बाजारों में से एक है। बढ़ती अर्थव्यवस्था और जीडीपी की बदौलत यह आने वाले वर्षों में और बढ़ेगा जिससे लोगों के गैर-जरूरी खर्च में इजाफा हो रहा है। सरकार का उड़ान जैसी योजनाओं में निवेश और विमानन कंपनियों का निवेश इसमें योगदान दे रहा है। इन सबसे विशाल और तेजी से बढ़ते बाजार का निर्माण हो रहा है जो 10 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रहा है। हालांकि विदेशों से भारत में लोगों का आगमन घरेलू बाजार से लगातार पीछे है, लेकिन भारत से विदेशों जाने की रफ्तार बढ़ रही है। भारतीयों के लिए शीर्ष पांच गंतव्य थाईलैंड, यूएई, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया हैं। अगर भारत आने वाले तीन वर्षों में हमारे शीर्ष तीन बाजारों में नहीं होगा तो मुझे आश्चर्य होगा।

भारत आगमन यात्रा धीमी गति से बढ़ रही है। आपके अनुसार इसमें बदलाव के लिए क्या करने की जरूरत है?

हालांकि भारत के लिए उड़ानें बढ़ी हैं। लेकिन सरकार को आगमनपर होने वाली दिक्कतें कम करने की जरूरत है – वीजा नियमों और फॉर्म भरने की प्रक्रिया आसान बनानी होगी। मुझे लगता है कि भारत को अभी भी लंबा रास्ता तय करना है। लेकिन पिछले साल थाईलैंड और मलेशिया के लिए वीजा फीस हटाने के साथ हम इसकी शुरुआत हम देख रहे हैं। भारत के लिए एक और बात यह है कि आकर्षण तथा बुनियादी सुविधाओं को विदेशियों के लिए अधिक सुलभ बनाया जाए, साथ ही प्रोत्साहन भी बढ़ाया जाए। धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा देश के लिए अनूठा सेलिंग पॉइंट है, जिसे उसने पहचाना है। अब इसे और अधिक कुशलता से बढ़ावा देने की जरूरत है।

आप भारत में किस तरह के निवेश कर रहे हैं जहां ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर (ओटीए) क्षेत्र भी अधिक प्रतिस्पर्धी होता जा रहा है?

हालांकि ओटीए बाजार प्रतिस्पर्धी है। लेकिन यहां भागीदारों के बीच काफी सहयोग है। अगोडा में हम अनुभवों को यथासंभव सुविधाजनक बनाने पर काम कर रहे हैं। इसका एक हिस्सा पेशकश को यथासंभव स्थानीय बनाने का भी है, जैसे ऑनलाइन भुगतान विकल्प और छूट जैसी चीजें जो भारत में उपयोगकर्ता अनुभव का बड़ा हिस्सा हैं। प्रॉपर्टी (होटल आदि) की संख्या के लिहाज से बाजार विस्तार करने में भी काफी ज्यादा निवेश है। इसलिए हम न केवल हाल में आईएचसीएल जैसे बड़ी होटल श्रृंखला के साथ गठजोड़ कर रहे हैं, बल्कि हॉस्टल क्षेत्र के भागीदरों से भी बात कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर हमारे प्लेटफॉर्म पर 50 लाख प्रॉपर्टी हैं। भारत पिछले कुछ वर्षों में ऑन-बोर्डेड प्रॉपर्टीज की सबसे अधिक संख्या वाला बाजार रहा है। भारत उन तीन देशों में भी शामिल है, जहां हम सक्रिय टीवी अभियान चलाते हैं, जो दीर्घकालिक दांव है। इसके अलावा हम यहां तकनीकी कौशल में भी निवेश कर रहे हैं। इसलिए अगोडा के कर्मचारियों में राष्ट्रीयता के लिहाज से भारतीय दूसरे स्थान पर हैं। हमारे यहां 300 लोग हैं और यह संख्या बढ़ रही है।

बाजार में अलग दिखने के लिए आप एआई का किस तरह लाभ उठा रहे हैं?

एआई हमें दक्षता बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन जरूरी नहीं है कि इसका मतलब वह बचत हो, जो आप शुद्ध आय में शामिल करते  हैं। लेकिन यह सृजन करने की हमारी क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है।

First Published : June 16, 2025 | 10:15 PM IST