वैश्विक बाजार में चाय की कमी और मजबूत घरेलू मांग की वजह से गुडरिक ग्रुप लि. की खुशी छुपाए नहीं छुप रही है।
कंपनी को उम्मीद है कि इस दोनों वजहों से चाय की कीमतों में इस साल पांच फीसदी तक का इजाफा हो सकता है।
कंपनी ने प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी ए. एन. सिंह का कहना है कि, ‘कीमतों में हमें पांच फीसदी तक के इजाफे की उम्मीद है। दरअसल, इस वक्त केन्या और श्रीलंका में सूखा पड़ा हुआ है। साथ ही, घरेलू बाजार से मांग में तेज इजाफ हो रहा है। ऐसे में तो कीमतों का चढ़ना तय है।’
पिछले साल कंपनी को अपनी दार्जिलिंग चाय के लिए औसतन 228.51 रुपये प्रति किलो का भाव मिला था, जबकि निलामी के तहत बिकी चाय की औसत कीमत 175.36 रुपये ही रही थी। गुडरिक डोर्स करीब 100 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बिके थे, जबकि निलामी के तहत इस चाय की औसत कीमत 91.90 रुपये प्रति किलो ही रही थी।
कंपनी की असम चाय को भी 120.27 रुपये प्रति किलो का औसत भाव मिला था, जबकि निलामी के तहत यह सिर्फ 104.59 रुपये में ही बिकी थी। वैसे, सिंह ने साफ कहा कि इस पांच फीसदी के इजाफे की उम्मीद सिर्फ कंपनी के चाय तक ही सीमित है।
कंपनी के पास पिछले साल दिसंबर तक 2.15 करोड़ किलो की फसल थी, जबकि दिसंबर, 2007 में उसके पास 2.12 करोड़ किलो फसल थी।
