रिलायंस ने जियोमार्ट एक्सप्रेस को पेश करने की पूरी तैयारी कर ली है। कंपनी इस सप्ताह के अंत तक नवी मुंबई में अपने इस किराना डिलिवरी प्लेटफॉर्म की शुरुआत कर देगी, क्योंकि उत्पादों की तेज डिलिवरी के लिए मांग बढ़ी है। इस घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि कंपनी ने 10-मिनट डिलिवरी का तरीका नहीं चुना है।
यह परीक्षण नवी मुंबई में कुछ खास जगहों पर शुरू होने की संभावना है और आखिरकार इसे चरणबद्घ तरीके से पेश किया जाएगा जिसमें शेष मुंबई और अगले एक से दो महीनों में अन्य एक या दो शहर शामिल किए जाएंगे। जियोमार्ट एक्सप्रेस की पेशकश जियोमार्ट के काफी समान होगी जिसे वर्ष 2020 में महामारी के शुरू में पेश किया गया था। जियोमार्ट को भी नवी मुंबई में कुछ खास जगहों से शुरू किया गया था और उसके बाद अन्य शहरों में इसका विस्तार किया गया था।
जियोमार्ट एक्सप्रेस की पेशकश के अगले चरण में 200 शहर शामिल होंगे जहां जियोमार्ट मौजूद है और इसकी संभावना है कि जियोमार्ट उन शहरों में अपनी क्विक डिलिवरी सेवा की पेशकश कर सकती है, जहां उसके किराना स्टोर मौजूद हैं और वे जियोमार्ट से थोम में ऑर्डर बुक करते हैं। जियोमार्ट एक्सप्रेस डिलिवरी इन शहरों में अपनी क्विक डिलिवरी सेवा मुहैया कराने के लिए उन स्टोरों से उत्पाद खरीदेगी।
इस घटनाक्रम से संबद्घ एक अधिकारी ने कहा कि उत्पादों की डिलिवरी उसके स्वयं के बेड़े और डंजो के जरिये की जाएगी।
इसके अलावा, डिलिवरी तीन घंटे में पूरी किए जाने की भी संभावना है और ऑर्डर विभिन्न ऐप पर दिए जाएंगे।
अधिकारी ने कहा कि जियोमार्ट एक्सप्रेस अपनी पेशकशों को क्विक डिलिवरी फॉर्मेट तक सीमित रखेगी और इसमें सिर्फ 2,000 से 3,000 स्टॉक कीपिंग यूनिट्स (एसकेयू) शामिल होंगे।
यह नई पेशकश ऐसे समय में आई है जब स्विगी, जेप्टो और ब्लिंकिट जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में प्रवेश कर चुकी हैं और भारत में क्विक डिलिवरी बाजार की मजबूत वृद्घि दर की भी संभावना जताई जा रही है।
रेडसीर के अनुमानों के अनुसार, भारत का क्विक कॉमर्स बाजार वर्ष 2025 तक 10-15 गुना वृद्घि दर्ज करने के लिए तैयार है और इसका बाजार आकार 5.5 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। रेडसीर ने अपने मार्च के न्यूजलेटर में कहा, ‘क्विक कॉमर्स अगला प्रमुख सेगमेंट बन रहा है, क्योंकि कंपनियां यहां मौजूद व्यापक संभावनाओं को महसूस कर रही हैं। तेजी से बढ़ रहे ई-कॉमर्स मॉडल में से एक क्विक कॉमर्स बड़े उपभोक्ता खरीद संबंधित बदलाव ला रहा है।’