कंपनियां

फंड की जांच के लिए Go First का हो सकता है फॉरेंसिक ऑडिट, कर्जदाता कर रहे विचार

ऑडिट यह जांचने के लिए किया जा सकता है कि क्या फंड का कोई डायवर्जन हुआ है या नहीं।

Published by
दीपक पटेल   
Last Updated- June 19, 2023 | 1:06 PM IST

दिवाला समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही गो फर्स्ट (Go First) के कर्जदाता फंड के गलत इस्तेमाल को लेकर एयरलाइन के फोरेंसिक ऑडिट का आदेश दे सकते हैं।

इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने सोमवार को कहा कि ऑडिट यह जांचने के लिए किया जा सकता है कि क्या फंड का कोई डायवर्जन हुआ है या नहीं।

गो फर्स्ट के दिवाला आवेदन के अनुसार, 28 अप्रैल तक वित्तीय लेनदारों…..डॉयचे बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक का बकाया 6521 करोड़ रुपये है।

Go First ने 2 मई को नकदी की कमी के कारण दिवाला घोषित किया और उसके आवेदन को 10 मई को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण ने स्वीकार कर लिया था।

एयरलाइन की लेनदारों की समिति (CoC) ने इस महीने की शुरुआत में अपनी पहली बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में ग्राउंडेड एयरलाइन की रिवाइवल योजना पर चर्चा की गई थी।

इस बैठक में, लाल की जगह कंसल्टेंसी ईवाई के शैलेंद्र अजमेरा को अंतरिम समाधान पेशेवर के रूप में नियुक्त किया गया था।

सूत्रों ने कहा कि ऋणदाता यह सुनिश्चित करने के लिए फोरेंसिक ऑडिट का आदेश दे सकते हैं कि किन संस्थाओं ने वास्तव में एयरलाइन को दिए गए ऋण का उपयोग किया था। गो फर्स्ट ने बिजनेस स्टैंडर्ड के इस मामले पर बयान देने के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।

वहीं, DGCA को सौंपी गई एक बहाली योजना में लाल ने कहा था कि एयरलाइन के पास अपने 26 परिचालन विमानों को उड़ाने के लिए आवश्यक कर्मचारियों की संख्या है। इसने कहा कि यदि सेवाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो एयरलाइन प्रति दिन 152 उड़ानें संचालित कर सकती है।

First Published : June 19, 2023 | 12:45 PM IST