एफएमसीजी: जल्द कीमत वृद्घि की तैयारी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:55 PM IST

यूक्रेन पर रूस द्वारा हमला किए जाने की वजह से जिंस कीमतों रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। इससे एफएमसीजी कंपनियों चर्चा में हैं और उन्हें अपनी कीमत वृद्घि रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
उपभोक्ता कंपनियों ने पिछले साल से कीमतें बढ़ाई हैं और कच्चे माल की ऊंची लागत की वजह से वृद्घि की योजा बनाई थी, और अब इस रणनीति में बदलाव आएगा।
वे अभी भी हालात पर नजर रख रही हैं, क्योंकि कीमतें मौजूदा संकट की वजह से लगातार तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन कंपनियों को अनुमान से पहले कीमतें बढ़ाने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है।
पारले प्रोडक्ट्स भी गेहूं और खाद्य तेल जैसी जिंसों की दरों के आधार पर कीमत वृद्घि कर सकती हैं। कंपनी ने शुरू में मौजूदा तिमाही में 5-10 प्रतिशत कीमत वृद्घि शुरू की थी।  पारले प्रोडक्ट्स में कैटेगरी प्रमुख मयंक शाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘यूक्रेन संकट से खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों पर बड़ा दबाव पड़ेगा और यह बेहद गंभीर चुनौतीपूर्ण समय होगा, क्योंकि जिंस कीमतों में लगातार तेजी आएगी।’
शाह ने कहा कि उद्योग पिछले साल से पहले ही कीमत वृद्घि कर रहा है, लेकिन उन्होंने कीमत वृद्घि की मात्रा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी कि कंपनी कितनी कीमतें बढ़ाएगी।
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने कहा कि कंपनी को जल्द से जल्द कीमतें बढ़ानी होंगी। लेकिन यह अप्रैल में ही संभव होगा। उन्होंने इस बारे में कुछ ज्यादा बताने से इनकार कर दिया कि बिस्कुट दिग्गज कितनी कीमतें बढ़ाएगी।
कंपनी तीसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 10 प्रतिशत कीमत वृद्घि की घोषणा पहले ही कर चुकी है।
हालांकि बेरी ने दिसंबर तिमाही के परिणाम के बाद आय के बारे में बात करते हुए विश्लेषकों को बताया कि कंपनी शुरू में नियोजित के मुकाबले ज्यादा कीमत वृद्घि का विकल्प अपना सकती है, क्योंकि जिंस कीमतों में ज्यादा तेजी आई है।
कच्चे तेल की कीमतें बुधवार को 122 डॉलर प्रति बैरल की ऊंचाई पर पहुंच गई थीं, जबकि सीबीओटी पर गेहूं की कीमतें 9.97 डॉलर प्रति कंटेनर पर पहुंच गईं, जो पिछली बार 2008 में दर्ज की गई थीं। क्रूड पाम तेल भी 1,854 डॉलर प्रति टन की सर्वाधिक ऊंचाई पर पहुंच गया है।
हालांकि सभी कंपनियां कीमत वृद्घि में सक्षम नहीं हो सकतीं। उदाहरण के लिए, बालाजी वैफर्स ने रिटेलर मार्जिन 25 पैसे प्रति पैक तक घटाने का निर्णय लिया है, क्योंकि उसके लिए कीमत वृद्घि संभव नहीं है, खासकर कम कीमत वाले पैक के संदर्भ में, जैसे 5 और 10 रुपये। बालाजी वैफर के संस्थापक एवं निदेशक चंदू विरानी ने कहा, ‘हम इस समय कीमतें नहीं बढ़ा सकते, लेकिन तीन-चार महीने में हम जिंसों में मुद्रास्फीति को देखते हुए इनमें 5 ग्राम तक की कमी करेंगे।’
अदाणी विल्मर के मुख्य कार्याधिकारी का मानना है कि कीमतें मौजूदा स्तरों पर टिकाऊ नहीं हैं, क्योंकि वे धारणा-केंद्रित हैं और उनमें गिरावट आने की संभावना है।

First Published : March 3, 2022 | 11:51 PM IST