कोरोनावायरस महामारी से लोगों में भोजन मुहैया कराने वाली कंपनी जोमेटो की सेवाओं को अपनाने की रफ्तार बढ़ी है। गुरुग्राम की इस कंपनी ने कहा कि परिचालन से उसका राजस्व वित्त वर्ष 2018 के 466 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2020 में 2,604 करोड़ रुपये हो गया, जिससे तीन वर्ष की अवधि के दौरान करीब 5.5 गुना वृद्घि है। 31 दिसंबर, 2020 में समाप्त 9 महीनों में परिचालन से राजस्व 1,301 करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया।
कंपनी ने कहा है, ‘खासकर भारत में कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में मई 2020 के अंत में कुछ ढील दी गई थी, जिससे हमारे फूड डिलिवरी व्यवसाय में सुधार आना शुरू हुआ और वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में हमने सर्वाधिक जीओवी (सकल ऑर्डर वैल्यू) दर्ज की। हमारे व्यवसायों की तेज वृद्घि कोविड-19 महामारी की वह से संभव हुई और यह भविष्य में बरकरार नहीं रह सकती है।’
अपने आईपीओ के जरिये करीब 8,250 करोड़ रुपये जुटाने के लिए दीपिंदर गोयल के नेतृत्व वाली कंपनी ने बुधवार को बाजार नियामक सेबी के समक्ष ड्राफ्ट रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस (डीआरएचपी) पेश किया।
शोध फर्म रेडसीर का जिक्र करते हुए जोमेटो ने कहा है कि जीओवी (1 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 के बीच) के संदर्भ में भारत में फूड डिलिवरी क्षेत्र में श्रेणी दिग्गज बनने के लिए पिछले चार वर्षों के दौरान उसने लगातार बाजार भागीदारी में इजाफा दर्ज किया। फूड सर्विसेज भारत में एक बेहद प्रतिस्पर्धी बाजार है और इसमें जोमेटो तथा स्विगी जैसी कंपनियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके अलावा रेबेल फूड्स और ब्रांडेड फूड सर्विसेज कंपनियां (डोमिनोज, मैकडॉनल्ड्स और पिज्ज हट जैसे क्विक सर्विस रेस्टोरेंट समेत) भी शामिल हैं।जोमेटो ने अपने ऑर्डरों में 13.2 गुना तक की वृद्घि दर्ज की है।
