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अत्यधिक काम के दबाव से EY इंडिया की CA अन्ना सेबेस्टियन की मौत, मां ने कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप

अनीता ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी का कोई भी व्यक्ति अन्ना के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ।

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राघव अग्रवाल   
Last Updated- September 18, 2024 | 10:22 PM IST

26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत को EY इंडिया ने “दुखद” और “अपूरणीय क्षति” बताया है। कंपनी ने बुधवार को दिए गए बयान में कहा कि उन्होंने परिवार को “हर संभव सहायता” दी है। अन्ना की मौत तब सुर्खियों में आई जब उनकी मां अनीता ऑगस्टीन का EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखा लेटर इंटरनेट पर वायरल हो गया।

अनीता ने लेटर में लिखा कि कंपनी ने अन्ना पर “बहुत ज्यादा काम का बोझ डाल दिया था,” जिससे उनकी मौत हो गई। हालांकि, उन्होंने मौत का सटीक कारण नहीं बताया, लेकिन सूत्रों के अनुसार, अन्ना की मृत्यु कार्डियक अरेस्ट से हुई।

अनीता ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी का कोई भी व्यक्ति अन्ना के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ।

अपने लेटर में अनीता ने लिखा, “अन्ना घर लौटकर बहुत थकी होती थीं। कई बार वह कपड़े बदले बिना बिस्तर पर गिर जाती थीं, और फिर उन्हें और रिपोर्ट की मांग करते हुए संदेश मिलते थे। वह समय पर काम पूरा करने के लिए पूरी मेहनत कर रही थीं।”

अनीता ने आगे लिखा, “वह हार मानने वालों में से नहीं थीं। हमने उन्हें नौकरी छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन वह सीखने और अनुभव पाने के लिए नौकरी छोड़ने को तैयार नहीं थीं। लेकिन काम का भारी दबाव उनके लिए भी बहुत ज्यादा हो गया।”

EY इंडिया ने बयान में कहा कि अन्ना SR बत्रीबोई की ऑडिट टीम का हिस्सा थीं, जो EY ग्लोबल की कंपनी है। उन्होंने 18 मार्च 2024 को पुणे ऑफिस में काम शुरू किया था। अनीता के लेटर के अनुसार, अन्ना का निधन 20 जुलाई को हुआ।

कंपनी ने कहा, “हमें अन्ना के असमय निधन पर गहरा दुख है और हम शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।”

बयान में कहा गया, “अन्ना का होनहार करियर इस तरह खत्म होना हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है।”

EY इंडिया ने कहा, “परिवार को हुए नुकसान की भरपाई तो नहीं की जा सकती, लेकिन हमने हर संभव मदद दी है और आगे भी देते रहेंगे। हम परिवार की शिकायत को गंभीरता से ले रहे हैं और अपने सभी कर्मचारियों की भलाई को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं। हम एक बेहतर और सेहतमंद वर्कप्लेस बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”

हाल के महीनों में कई कंसल्टेंसी फर्मों और इन्वेस्टमेंट बैंकों के कर्मचारियों ने काम के दबाव की शिकायत की है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 58% भारतीय काम के तनाव और थकावट का सामना कर रहे हैं, जो वैश्विक औसत 48% से अधिक है।

इसी साल फरवरी में 25 वर्षीय मैकिन्से एंड कंपनी के कंसल्टेंट सौरभ कुमार लड्डा ने कथित तौर पर काम के दबाव के कारण आत्महत्या कर ली थी।

पुलिस ने कहा, “हमें कुछ मैसेज मिले हैं, जिनमें सौरभ काम के दबाव के बारे में बात कर रहे थे।”

इससे पहले जनवरी में, गोल्डमैन सैक्स के पूर्व रिक्रूटमेंट हेड ने कंपनी पर अनुचित और अत्यधिक काम कराने का आरोप लगाते हुए 10 लाख पाउंड का मुकदमा दायर किया था। उनका दावा था कि अत्यधिक काम के कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक नुकसान हुआ और उन्होंने आत्महत्या करने का मन बना लिया था।

अन्ना की मां ने अपने लेटर में लिखा, “काश! मैं उसे बचा पाती, उसे समझा पाती कि उसकी सेहत सबसे ज्यादा मायने रखती है। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है।”

First Published : September 18, 2024 | 7:15 PM IST