Elon Musk vs Parag Agrawal: माइक्रोबॉलिंग साइट ट्विटर (Twitter) का अधिग्रहण करने के बाद से ही दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) को इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संबंधित कई तरह की चुनौतियां का सामना करना पड़ा है। साल 2022 में ट्विटर की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद मस्क ने ट्विटर इंक के शीर्ष अधिकारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। शीर्ष अधिकारियों को हटाने की अदालती लड़ाई में मस्क को अमेरिकी अदालत से बड़ा झटका लगा है।
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार देर रात एक न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि ट्विटर के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) और अन्य शीर्ष अधिकारियों के दावे आगे बढ़ सकते हैं, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मस्क ने उन्हें सेवरेंस पे (निकासी वेतन) से वंचित करने के लिए अधिग्रहण के ठीक समय पर उन्हें हटाया, ताकि वे त्यागपत्र पत्र जमा न कर सकें।
मार्च में दायर की गई शिकायत में, पूर्व अधिकारियों ने वाल्टर इसाकसन द्वारा लिखी मस्क की जीवनी के एक अंश का हवाला दिया जिसमें अरबपति को लेखक द्वारा यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि अधिग्रहण को हड़बड़ी में पूरा किया गया क्योंकि अधिग्रहण को रात में पूरा करने और अगले दिन सुबह करने के बीच 200 मिलियन का अंतर था।
मस्क उन हजारों ट्विटर कर्मचारियों के बकाया वेतन के लिए कानूनी दावों से लड़ रहे हैं, जिन्हें उन्होंने दो साल पहले 44 अरब डॉलर में सोशल मीडिया कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद हटा दिया था। बता दें कि मस्क ने बाद में ट्विटर का नाम बदलकर X कॉर्प कर दिया।
सितंबर में, एक पूर्व कर्मचारी को बंद कमरे में हुई मध्यस्थता में बकाया सेवरेंस राशि प्रदान की गई, जो अन्य समान मामलों के लिए एक मिसाल कायम कर सकती है। उस कर्मचारी के वकील ने ब्लूमबर्ग न्यूज को यह सूचना दी।
Also read: AI बूम का असर: Nvidia बनेगी डॉव जोन्स इंडेक्स का हिस्सा, Intel को करेगी रिप्लेस
जुलाई में, मस्क और X कॉर्प ने एक मुकदमे में जीत हासिल की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि संघीय कर्मचारी रिटायरमेंट आय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के तहत लगभग 6,000 बर्खास्त कर्मचारियों को लगभग 50 करोड़ डॉलर का सेवरेंस पे दिया जाना था।
अमेरिकी जिला न्यायाधीश मैक्सिन चेसनी (Maxine Chesney) ने शुक्रवार को मस्क के वकीलों की उन दलीलों को खारिज कर दिया कि अग्रवाल के दावों को खारिज कर दिया जाना चाहिए। अग्रवाल के साथ मुकदमे में ट्विटर की कानूनी और नीति प्रमुख विजय गड्डे, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल और कंपनी के जनरल काउंसल सीन एडजेट भी शामिल हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें एक साल की सैलरी के बराबर सेवरेंस लाभ और अधिग्रहण मूल्य पर मूल्यांकित अनवेस्टेड स्टॉक दिए जाने चाहिए।
चेसनी ट्विटर अधिकारियों द्वारा लाए गए दो अन्य मुकदमों की देखरेख कर रहे हैं, जिनमें निकोलस कैल्डवेल का मुकदमा भी शामिल है, जो “कोर टेक” के जनरल मैनेजर थे और 2 करोड़ डॉलर का मुआवजा मांगा है। शुक्रवार को न्यायाधीश ने कैल्डवेल के दावे को खारिज करने के मस्क के अनुरोध को खारिज कर दिया जो अग्रवाल के आरोपों को प्रतिबिंबित करता है।