संकट से जूझ रही क्विक कॉमर्स क्षेत्र की कंपनी डंजो मौजूदा नकदी किल्लत के बीच लगभग 3.5 करोड़ डॉलर की रकम जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। सूत्रों के मुताबिक यह सौदा एक सप्ताह के भीतर होने की उम्मीद है।
यह पूंजी मुख्य रूप से रिलायंस रिटेल जैसे कंपनी के मौजूदा निवेशकों से जुटाई जाएगी, जो अनुकूल शर्तों पर पैसा लगाएंगे। इस घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कुछ नए निवेशक भी रकम जुटाने के इस दौर में भाग लेंगे।
यह नई रकम आनुपातिक आधार पर जुटाई जाएगी, जो कंपनी में निवेशकों की हिस्सेदारी के अनुपात में होगी। हालांकि मूल्यांकन का फैसला अभी तक नहीं हुआ है।
बाजार पर नजर रखने वाले प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के अनुसार बेंगलूरु की इस फर्म ने अपनी स्थापना के बाद से अपनी सबसे बड़ी निवेशक रिलायंस से 25.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ और अपनी दूसरे सबसे बड़ी समर्थक गूगल से लगभग 19 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ तकरीबन 50 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है। डंजो की अन्य प्रमुख निवेशकों में ब्लूम वेंचर्स, लाइटरॉक, लाइटबॉक्स और अल्टेरिया कैपिटल शामिल हैं।
डंजो कई महीनों से पूंजी जुटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं कर पाई है। इसकी वजह यह है कि कंपनी के मूल्यांकन में सहमति नहीं है। डंजो को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला।
रकम जुटाने के लिए मौजूदा बातचीत नकदी की कमी से जूझ रही इस स्टार्टअप के लिए राहत के रूप में सामने आई है, जो पिछले कुछ महीनों से अपने कर्मचारियों का वेतन टाल रहा है। कंपनी ने अपने 1,000 कर्मचारियों में से 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का जून और जुलाई का वेतन सितंबर के पहले सप्ताह तक के लिए टाल दिया था। इसने कर्मचारियों का वेतन 75,000 रुपये तक सीमित कर दिया था। भले ही उनका वेतन पैकेज कुछ भी हो।
इस रकम का इस्तेमाल मुख्य रूप से वेतन भुगतान और कार्यशील पूंजी की फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। कहा जा रहा है कि लागत में कटौती करने के लिए डंजो अपने बिजनेस मॉडल को तब्दील करके केवल साझेदार स्टोरों पर ध्यान केंद्रित करेगी और अपने डार्क स्टोर बंद कर देगी। पहले यह हाइब्रिड मार्केटप्लेस बिजनेस मॉडल के जरिये काम कर रही थी। इसमें डार्क स्टोर और साझेदार स्टोर शामिल रहते हैं।