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आईटी कंपनियों की साख पर बट्टा!

Last Updated- December 09, 2022 | 9:16 PM IST

सत्यम पर विश्व बैंक की पाबंदी से जुड़ा विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि बैंक ने प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो टेक्नोलॉजिज समेत कुल पांच इकाइयों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें एक व्यक्ति भी शामिल है।
यह कार्रवाई विश्व बैंक के कर्मचारियों को अनुचित प्रलोभन देने और बैंक की खरीदारी या परामर्शदाता के अनुबंधों में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधानों के उल्लंघन के संबंध में की गई है। विश्व बैंक ने विप्रो के अलावा एक और सॉफ्टवेयर कंपनी मेगासॉफ्ट पर भी प्रतिबंध लगाया है।
दो अन्य कंपनियां नेक्टर फार्मास्यूटिकल्स और गैप इंटरनेशनल हैं। इसके अलावा, बैंक ने दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के आरोप में सुरेंद्र सिंह के साथ कारोबार पर भी पाबंदी लगा दी है। विप्रो को विश्व बैंक के कर्मचारियों को अनुचित लाभ देने के लिए जून 2007 से चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है, वहीं मेगासॉफ्ट पर भी दिसंबर 2007 से चार साल के लिए पाबंदी लगाई गई है।
बैंक ने कहा कि ये बदलाव निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए किए गए हैं। अब से बैंक समूह कॉरपोरेट खरीद के लिए प्रतिबंधित कंपनियों का नाम प्रकाशित करेगी। विश्व बैंक की कार्रवाई के बारे में विप्रो के प्रवक्ता ने कहा कि विश्व बैंक की पाबंदी से कंपनी के कारोबार और परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मेगासॉफ्ट के अधिकारियों का भी कुछ ऐसा ही कहना है।
पहले ही झुलस चुकी है सत्यम
विप्रो और मेगासॉफ्ट से पहले 23 दिसंबर को विश्व बैंक ने सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज पर आठ साल के लिए पाबंदी लगाने की घोषणा की थी। सत्यम पर कर्मचारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने और जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया गया था।
अब इनकी बारी?
सत्यम के बाद आईटी कंपनी विप्रो और मेगासॉफ्ट समेत दो अन्य कंपनी नेक्टर फार्मास्यूटिकल्स और गैप इंटरनेशनल पर भी विश्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया है, साथ ही सुरेंद्र सिंह नामक एक व्यक्ति के साथ कारोबार पर 4 साल की पाबंदी लगा दी है। इन सभी पर भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी करने और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
पाबंदी का कितना असर?
विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय आईटी कंपनियों के बड़े ग्राहकों में विश्व बैंक शुमार है। ऐसे में पाबंदी से जहां कंपनियों के राजस्व पर असर पड़ने की आशंका है, वहीं भारतीय आईटी कंपनियों की साख पर भी असर पड़ सकता है।
वैसे भी सत्यम फर्जीवाड़े के खुलासे से देसी आईटी कंपनियों को विदेशों में ग्राहक तलाशने में मशक्कत करनी पड़ सकती है। हालांकि विप्रो और मेगासॉफ्ट का कहना है कि इस पाबंदी से कंपनी के कारोबार और आय पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
-सत्यम के बाद विप्रो सहित पांच भारतीय इकाइयों पर विश्व बैंक की पाबंदी
-अनुचित लाभ और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का लगाया आरोप

First Published - January 12, 2009 | 7:00 PM IST

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