प्रगति की राह पर डेयरी उद्योग

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:31 PM IST

भारत का घरेलू डेयरी क्षेत्र 2011 तक लगभग 500,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने की ओर बढ़ रहा है। उसकी इस तरक्की ने एफएमसीजी क्षेत्र की कई कंपनियों को भी अपनी ओर खींच लिया है।


डेयरी से मुनाफा दुहने के लिए ये कंपनियां भी तैयार हैं। वे डेयरी उत्पादों की कुछ प्रमुख श्रेणियां विकसित करने का प्रयास कर रही हैं।


कोका-कोला और पेप्सिको देश में दुग्ध-आधारित पेय सेगमेंट में प्रवेश करने की योजना का ऐलान पहले ही कर चुकी हैं। रिलायंस रिटेल अपने दुग्ध ब्रांड डेयरी प्योर के साथ डेयरी इस क्षेत्र में पहले ही प्रवेश कर चुकी है।


अब वह भी इस श्रेणी में विस्तार कर सकती है। इस उद्योग के जानकारों का मानना है कि भारती रिटेल भी डेयरी क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की कवायद शुरू कर सकती है।


एंजेल ब्रोकिंग संस्था में रिटेल एवं एफएमसीजी के विश्लेषक आनंद शाह के अनुसार सेहत बढ़ाने वाले उत्पादों की तरफ उपभोक्ताओं के बदलते रुझान के कारण इस श्रेणी में आगामी वर्षों में जबर्दस्त विकास होने की संभावना है।


डेयरी इंडिया के 2007 के आंकड़ों के अनुसार फिलहाल भारतीय डेयरी क्षेत्र 250,000 करोड़ रुपये का है और प्रति वर्ष इसमें 5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है।


रेडी-टु-ड्रिंक फ्लेवर्ड दुग्ध उत्पादों का बाजार फिलहाल  500 करोड़ रुपये का है। दुग्ध पेय बाजार के ज्यादातर हिस्से पर इसका कब्जा है।


इस श्रेणी में प्रमुख कंपनियां गुजरात को-आपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) और मदर डेयरी के अलावा हर्शी, नेस्ले इंडिया और अमृत फूड आदि शामिल हैं।


जीसीएमएमएफ के पास अमूल ब्रांड के तहत फ्लेवर्ड दुग्ध विकल्पों की विशाल रेंज है। इसमें अमूल कूल, कूल कोको और कूल कैफे शामिल हैं।


वहीं मदर डेयरी चिल्ज के साथ इस श्रेणी में मौजूद है। नेस्ले ने भी पिछले वर्ष ‘मिल्कमेड फनशेक्स’ उतारा है।


जीसीएमएमएफ के मुख्य महाप्रबंधक आर. सोढ़ी के अनुसार, ”देश में दुग्ध उपभोग की मात्रा काफी अधिक है, इसलिए तरल दुग्ध और संबद्ध उत्पादों पर हमारा ध्यान जारी रहेगा।”


वहीं अमूल अपने स्वास्थ्य पेय स्टैमिना के साथ छाछ-आधारित पेय श्रेणी में एकमात्र कंपनी है। इसकी लस्सी की लोकप्रियता बढ़ी है।


मदर डेयरी फू्रट्स एंड वेजीटेबल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पॉल थचिल ने कहा, ”हमारे उत्पादों की शृंखला में लस्सी बेहद महत्वपूर्ण श्रेणी है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान हम इस कैटेगरी में 40 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज कर रहे हैं।”


जब कार्बनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक बाजार की पकड़ सारी दुनिया में ढीली होने लगी, तब सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियों ने दुग्ध आधारित पेय क्षेत्र में प्रवेश किया।


पेप्सी ने सोबे ब्रांड के तहत चॉकलेट मिल्क लांच किया और पेप्सी ने फ्रैपुचिनो बाजार में उतार दिया तथा स्टारबक्स के साथ गठजोड़ किया।


वहीं दूसरी तरफ कोका-कोला ने नेस्ले यूएसए के बेवरेजेज डिवीजन के साथ भागीदारी कर चॉगलिट को तैयार किया। चॉगलिट दुग्ध आधारित चॉकलेट फ्लेवर्ड पेय है।


वैसे, दुग्ध पेय बाजार की शुरुआत सामान्य नहीं होगी। सोढ़ी के अनुसार, ”नई डेयरी व्यवस्था के लिए धीमा एकीकरण सबसे बड़ी चुनौती होगी। इस उद्योग में संवर्द्धन और उत्पादन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।”

First Published : March 11, 2008 | 6:17 PM IST