राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) के मुंबई पीठ ने दिवालिया ऋणदाता कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रशासक को कंपनी के पूर्व प्रवर्तक कपिल वधावन की पेशकश ऋणदाताओं की समिति के समक्ष रखने के लिए कहा है। पीठ ने आज सुनवाई के दौरान ऋणदाताओं की समिति से भी वधावन के प्रस्ताव पर विचार के लिए अगले 10 दिन में बैठक करने को कहा। अगली सुनवाई 31 मई को होगी।
कपिल वधावन ने पिछले साल नवंबर में एनसीएलटी में अपील करते हुए आग्रह किया था कि भारतीय रिजर्व बैंक के प्रशासक और ऋणदाताओं की समिति को डीएचएफएल पर उनके प्रस्ताव पर विचार करने का निर्देश दिया जाए। वधावन धनशोधन के आरोप में अभी जेल में बंद हैं।
दिलचस्प है कि ऋणदाताओं की समिति, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय प्रतिस्पद्र्घा आयोग (सीसीआई) डीएचएफएल की समाधान प्रक्रिया में पहले ही पीरामल समूह की योजना को मंजूरी दे चुके हैं। लेकिन पीरामल के प्रस्ताव को अभी एनसीएलटी की मंजूरी नहीं मिली है। पंचाट ने मामले पर सुनवाई पूरी कर ली है और आदेश सुरक्षित रख लिया था।
पीरामल समूह की योजना को ऋणदाताओं की समिति के 94 फीसदी मत मिले थे और उसे मंजूरी दे दी गई थी। अदाणी समूह की योजना को 45 फीसदी और ओकट्री के प्रस्ताव को 18 फीसदी मत मिले थे। पीरामल द्वारा सौंपी गई योजना से ऋणदाताओं को 35,250 करोड़ रुपये की वसूली हो सकती है, जिनमें से 12,700 करोड़ रुपये नकद पेशगी देने का प्रस्ताव है। नकद पेशगी की वजह से ऋणदाताओं ने पीरामल के प्रस्ताव का समर्थन किया था। दिसंबर में प्रशासक को लिखे पत्र में वधावन ने अपने प्रस्ताव की फिर से याद दिलाई, जिसमें ऋणदाताओं को 91,158 करोड़ रुपये के कुल बकाया मूलधन के साथ 9,000 करोड़ रुपये पेशगी देने की बात थी। साथ ही बाकी कर्ज को इक्विटी में बदलकर 7 से 8 साल में भुगतान करने की पेशकश की गई थी।
धीर ऐंड धीर एसोसिएट्स में एसोसिएट पार्टनर आशीष प्यासी ने कहा, ‘ऋणदाताओं की समिति के समक्ष जो प्रस्ताव है, उस पर वे अपनी व्यावसायिक बुद्घि से विचार कर सकते हैं या अपील पंचाट में जा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आरबीआई, सीसीआई जैसे नियामकों से मंजूरी मिल चुकी है मगर ऋणदाताओं की समिति को दूसरे प्रस्ताव पर विचार करने से रोका नहीं जा सकता क्योंकि योजना पर अभी पंचाट की मुहर नहीं लगी है।’ 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज भुगतान में चूक और ऑडिटरों को खाते में 15,000 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का पता चलने के बाद डीएचएफएल को नवंबर 2019 में एनसीएलटी भेजा गया।
