भारत-चीन सीमा पर गतिरोध और तगड़े प्रतिस्पर्धी परिदृश्य के बीच चीन की कंपनी आंट ग्रुप भारतीय डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म पेटीएम में अपनी 30 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने पर विचार कर रही है। इस मामले से सीधे तौर पर अवगत लोगों ने यह जानकारी दी।
इस मामले से अवगत चार लोगों ने बताया कि फिलहाल इस संभावित लेनदेन के वित्तीय विवरण तैयार नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अलीबाबा के निवेश वाली कंपनी ने औपचारिक तौर पर बिक्री प्रक्रिया अभी शुरू नहीं की है। पेटीएम में भी सॉफ्टबैंक ग्रुप का निवेश है और करीब एक साल पहले पिछले निवेश दौर में उसका मूल्यांकन करीब 16 अरब डॉलर आंका गया था। उस मूल्यांकन पर भारतीय कंपनी में आंट की हिस्सेदारी का मूल्य करीब 4.8 अरब डॉलर है।
आंट और पेटीएम दोनों ने फिलहाल इस जानकारी को गलत करार दिया है। पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे किसी बड़े शेयरधारक के साथ हिस्सेदारी बिक्री पर फिलहाल कोई चर्चा नहीं हुई है और न ही ऐसी कोई योजना है।’ पेटीएम से आंट की संभावित निकासी ने 37 अरब डॉलर के शेयर को सूचीबद्ध कराने की योजना में पिछले महीने के नाटकीय बदलाव में एक नया मोड़ दिखेगा। इससे अग्रणी वैश्विक भुगतान कंपनी बनने संबंधी उसके सपने को भी झटका लगेगा। सूत्रों ने अक्टूबर में भी बताया था कि आंट अपने कई संबद्ध विदेशी ई-वॉलेट फर्मों के लिए अपने वित्तीय निवेश में कटौती कर रही थी।
अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों के दौरान भारत और चीन के बीच खराब होते कूटनीतिक के मद्देनजर आंट ने यह पहल की है। जून में भारत-चीन सीमा पर झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। उस झड़प के बाद भारत ने चीन से आने वाले निवेश के लिए नियम कड़े कर दिए और टेनसेंट, अलीबाबा एवं आइटडांस सहित दर्जनों चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। पिछले महीने के अंत में भारत ने 43 अन्य ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया।
इस मामले से सीधे तौर पर अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘आंट के प्रबंधन में ऐसी धारणा बढ़ रही है कि वह कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में सक्षम नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि आंट के प्रबंधन में हाल में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है। हालांकि आंट ने फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है और अपेक्षित मूल्यांकन न मिलने पर वह इसे टाल भी सकती है।
दो अन्य स्रोतों ने कहा कि आंट अपने निवेश की समीक्षा के बाद पेटीएम में मामूली हिस्सेदारी को बनाए रख सकती है।
पेटीएम में अलीबाबा और टेनसेंट जैसे चीन के निवेशकों ने काफी निवेश किया है। अलीबाबा ने भारत में अब तक 4 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है और उसने 2021 में करीब 5 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई थी जो फिलहाल टल गई है। अलीबाबा ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया।
