मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान लोक सभा चुनाव के कारण पूंजीगत सामान (Capital Goods) और औद्योगिक कंपनियों के नए ऑर्डर में सुस्ती देखने को मिल सकती है।
ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि लेकिन इन कंपनियों के राजस्व और लाभ में वृद्धि की रफ्तार कायम रह सकती है। इलारा कैपिटल, मोतीलाल ओसवाल और इनक्रेड इक्विटीज को उम्मीद है कि यह क्षेत्र तिमाही के दौरान सालाना आधार पर राजस्व में 12 से 21 फीसदी की वृद्धि, एबिटा में 21 से 36 फीसदी की वृद्धि और लाभ में 24 से 38 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज कर सकता है। इसमें से ज्यादातर वृद्धि पिछले वित्त वर्ष में मिले मजबूत ऑर्डर की बदौलत होगी।
इलारा कैपिटल ने कहा है कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में राजस्व वृद्धि ठीक-ठाक औद्योगिक मांग और क्रियान्वयन पर आधारित है जिसे पिछले वित्त वर्ष के मजबूत सौदों से सहारा मिला है। इलारा कैपिटल के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2024 की तिमाही में घोषित ऑर्डर प्रवाह 72,881.1 करोड़ रुपये था जो समीक्षाधीन तिमाही में घट गया।
ब्रोकरेज फर्म ने यह भी कहा कि पूंजीगत क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों (एलऐंडटी को छोड़कर) ने संचयी तौर पर वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 23,500 करोड़ रुपये के ऑर्डर बताए हैं जो सालाना आधार पर 73 फीसदी कम है।
पहली तिमाही में नए ऑर्डर में कमी आम चुनाव के कारण आने की समभावना है। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों ने अपनी रिपोर्ट मे कहा है कि वित्त वर्ष 24 में मजबूत ऑर्डरों के बाद हम वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में कुछ नरमी देख सकते हैं, खास तौर से उन कंपनियों के मामले में जो सरकार के पूंजीगत खर्च के भरोसे है क्योंकि यह तिमाही चुनावी रही है।
वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में कुछ अहम कंपनियों को मिले ऑर्डरों का हवाला देते हुए मोतीलाल ओसवाल ने कहा है कि एलऐंडटी ने 18,300 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की घोषणा की जबकि बीएचईएल ने 4,300 करोड़ रुपये, केईसी इंटरनैशनल ने 4,900 करोड़ रुपये और कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनैशनल ने 2,300 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने का ऐलान किया।
नुवामा जैसी ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि भारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिग फर्म एलऐंडटी के राजस्व में 8 फीसदी और एबिटा में 9 फीसदी का इजाफा होगा और कर पश्चात लाभ 17 फीसदी की वृद्धि के साथ 2,905.1 करोड़ रुपये रहेगा। आगे की राह पर ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि ऑर्डर प्रवाह में मजबूती, पुरानी परियोजनाओं का काम पूरा होने, हैदराबाद मेट्रो की रीफाइनैंसिंग के साथ मार्जिन में इजाफा होगा लेकिन इसकी रफ्तार धीमी रहेगी। ऐसे में हम अपना तटस्थ रुख बरकरार रखते हैं।
अन्य फर्मों मसलन मोतीलाल ओसवाल को उम्मीद है कि निजी क्षेत्र से ऑर्डर का कन्वर्जन उसके पूंजीगत सामान में होगा वहीं निर्यात धीमा बना रह सकता है।