वारेन बफेट की बर्कशर हैथवे के निवेश वाली चीनी कंपनी बीवाईडी ऑटो ने दुनिया की ससबे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता बनने के लिए 2022 की पहली छमाही में टेस्ला को भी पछाड़ दिया है लेकिन भारत में उसकी परिचालन हमेशा से कम महत्त्वपूर्ण रहा है।
चीन के इस वाहन समूह ने 2007 में भारत में इलेक्ट्रिक बसों के विनिर्माण के लिए लाइसेंस युक्त प्रौद्योगिकी के साथ इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता और मोबाइल उपकरणों के लिए अनुबंध आधारित विनिर्माता के तौर पर अपना कार्यायल खोला था। साल 2016 में बीवाईडी ने इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक टैक्सी और इलेक्ट्रिक कार के विनिर्माण के लिए व्यापक प्रौद्योगिकी साझेदारी के लिए बीके मोदी के स्मार्ट समूह के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कि किए थे, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। छह साल बाद आज बीवाईडी को इस अटकलबाजी के कारण अपने शेयरों में गिरावट दिख रही है कि बफेट अपने शेयर बेचकर कंपनी को डंप कर रहे है। लेकिन कंपनी ने इस आरोप को खारिज किया है।
सूत्रों का कहना है कि बीवाईडी भारत में ऐपल आईपैड के लिए अनुबंध अधारित विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही थी। इसके तहत वह आईटी उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत लाभ हासिल करने के लिए आवेदन भी करन चाहती थी। रणनीति यह थी कि ऐपल अपने मोबाइल उपकरणों की तरह अन्य उत्पादों की आपूर्ति में भी विविधता लाएगी जो फिलहाल चीन में केंद्रित है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच तनाव के कारण उस परियोजना को छोड़ दिया गया। तनाव के कारण चीन की ऐसी कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए गए जो अमेरिका में निवेश करना चाहती थीं। इसके बावजूद बीवाईडी ने आईपैड के लिए वियतनाम में एक अनुबंध आधारित विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया है और वहां वाणिज्यिक उत्पादन जारी है।
बीवाईडी की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी ने भारत में दो संयंत्रों में 15 करोड़ डॉलर का निवेश किया है जिसे वह दक्षिण एशिया में एक रणनीतिक केंद्र के रूप में देखती है। इस बाबत जानकारी के लिए कंपनी को भेजी गई विस्तृत प्रश्नावली का कोई जवाब नहीं आया। पिछले साल नवंबर में बीवाईडी ने चुपचाप अपने एक इलेक्ट्रिक बहुउद्देशीय वाहन अथवा एमपीवी को लॉन्च किया। इसके साथ ही कंपनी ने इस श्रेणी में दस्तक दी है। इस वाहन को बीवाईडी ई6 नाम दिया गया है जो 60 किलोवॉट प्रति घंटे की क्षमता वाली इलेक्ट्रिक मोटर से लैस है। पूरी तरह चार्ज होने पर यह 500 किलोमीटर तक चलने में समर्थ है। कंपनी ने इसे खासतौर पर बी2बी बाजार के लिए 29.6 लाख रुपये की कीमत के साथ उतारा है।
खरीदारों की मदद के लिए कंपनी ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग नेटवर्कों के साथ करार किए हैं ताकि 1,000 से अधिक जगहों पर बैटरी को चार्ज करने की सुविधा प्रदान की जा सके।
हालांकि प्रीमियम उत्पाद दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे प्रमुख महानगरों में उपलब्ध है लेकिन बिक्री आंकड़े अधिक उत्साहजनक नहीं दिख रहे हैं। वाहन वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, इस साल की पहली छमाही के दौरान इसने महज 152 वाहनों का पंजीकरण कराया।
भारत में बीवाईडी के वल एमपीवी तक ही सीमित नहीं है बल्कि उसने इलेक्ट्रिक बसों के विनिर्माण के लिए हैदराबाद की कंपनी ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक के साथ करार किया है। वाहन वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से जून के दौरान ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक की 285 से अधिक बसें पंजीकृत हुई हैं। साल 2015 में बिक्री शुरू होने के बाद 685 इलेक्ट्रिक बसों का पंजीकरण हुआ है।
बीवाईडी चेन्नई के सीपम अपने संयंत्र में मोबाइल उपकरणों का अनुबंध आधारित विनिर्माण भी शुरू किया है। उसके ग्राहकों में श्याओमी शामिल हैं। इस संयंत्र में इलेक्ट्रिक बैटरियों का भी उत्पादन होता है। इलेक्ट्रिक बैटरी के विनिर्माण में वह एक अग्रणी वैश्विक कंपनी है। जहां तक अनुबंध आधारित विनिर्माण का सवाल है तो भारत में बीवाईडी का कारोबार फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन जैसी ताइवानी कंपनियों के मुकाबले काफी छोटा है।