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Budget 2024: किफायती मकानों को रफ्तार देने की जुगत चाह रहा रियल्टी उद्योग

एनारॉक के मुताबिक, भारत में किफायती यानी सस्ते मकानों की बिक्री की हिस्सेदारी साल 2019 के 28 फीसदी से कम होकर इस साल 20 फीसदी रह गई है।

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राघव अग्रवाल   
Last Updated- June 28, 2024 | 10:02 PM IST

Budget 2024: देश के रियल एस्टेट उद्योग को उम्मीद है कि आगामी बजट में केंद्र सरकार किफायती आवास खंडों के पुनरुद्धार की दिशा में कदम उठाएगी। इस उद्योग के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से ऐसी उम्मीद जताई। वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद से देश के लोगों की प्राथमिकता में बदलाव आया है और अब लोग बड़े और महंगे घरों की तलाश कर रहे हैं, जिससे रियल एस्टेट उद्योग को संघर्ष करना पड़ रहा है।

रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म एनारॉक के मुताबिक, भारत में किफायती यानी सस्ते मकानों की बिक्री की हिस्सेदारी साल 2019 के 28 फीसदी से कम होकर इस साल 20 फीसदी रह गई है। कम मांग के कारण ही किफायती मकानों की कुल आपूर्ति भी इस साल घटकर 18 फीसदी हो गई, जो साल 2019 में 40 फीसदी थी।

एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘भारत के निम्न आय वाले परिवारों की खासतौर से आवास की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह गति सिर्फ महंगे मकानों पर नहीं चल सकती है, जबकि किफायती मकानों में गिरावट जारी है।’

उन्होंने कहा कि डेवलपरों के लिए कर छूट जैसे उच्च प्रभाव वाले उपायों के साथ इस खंड के पुनरुद्धार की जरूरत है ताकि वे किफायती मकानों और खरीदारों पर अधिक ध्यान दे सकें और उनके सामर्थ्य में भी सुधार हो सके।

सैटेलाइट डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष (सेल्स, मार्केटिंग एवं सीआरएम) हिमांशु जैन ने कहा कि महानगरों में किफायती मकानों के लिए विशेष योजनाएं शुरू करनी चाहिए और सब्सिडी देनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘नीतियों को मजबूत करने और किफायती मकानों के डेवलपरों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने से यह सुनिश्चित होगा कि अधिक से अधिक लोग अपना मकान खरीदने का सपना पूरा कर सकें। महानगरों में जमीन और निर्माण की अधिक कीमत के कारण काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हम सरकार से महानगरों में किफायती आवासों के लिए विशेष योजनाएं और सब्सिडी शुरू करने का अनुरोध करते हैं।’

First Published : June 28, 2024 | 10:02 PM IST