निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि सरकार अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बीपीसीएल के निजीकरण को पूरा करने का लक्ष्य बना रही है।
उन्होंने कहा कि बिक्री के लिए बहुत तेजी से कार्य चल रहा है और कई स्तरों को पार कर चुका है। पांडे ने आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्युचुअल फंड के वार्षिक निवेश सम्मेलन में कहा, सरकार अधिकतम मूल्य हासिल करने के लिए लाक्षित हो रही है और इसके लिए सभी तरह की सावधानियों का ध्यान रखा जा रहा है।
देश की दूसरी सबसे बड़ी ईंधन रिटेलर कंपनी में अहम हिस्सेदारी खरीदने के लिए सरकार को तीन प्रारंभिक बोलियां मिली हैं। वेदांता बीपीसीएल में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए तीन इच्छुक बोलीदाताओं में से एक है।
बीपीसीएल के विनिवेश की प्रक्रिया इस समय दूसरे चरण में है, जिसके तहत बोलियों का मूल्यांकन किया जाएगा, और उच्चतम बोली लगाने वाले चयनित बोलीदाता को सुरक्षा जांच के बाद चुन लिया जाएगा। इसके बाद चयनित बोलीदाता के साथ एक शेयर खरीद समझौते को निष्पादित किया जाएगा।
पांडे ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित नई निजीकरण नीति से क्षमता निर्माण के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी और इसे भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के विकास के लिए एक संरचनात्मक सुधार के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यह नीति भारत के विकास, रोजगार में वृद्धि और उद्यमों की वृद्धि के लिए है।’
पांडे ने कहा, ‘कोविड-19 संकट ने सिखाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था द्वारा उच्च विकास पथ पर बढऩे के लिए संरचनात्मक सुधार आवश्यक हैं। इसलिए, नीति राजकोषीय प्रबंधन के लिए नहीं, बल्कि इस कल्पना के साथ लाई जानी चाहिए कि निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर पीएसयू वास्तव में आत्मानिर्भर बन सकते हैं।’
कुछ मामलों में, सार्वजनिक उपक्रमों का समेकन आवश्यक हो सकता है, और अगर एक सार्वजनिक उपक्रम को दूसरे को बेचा जाता है, तो सरकार इस पर निगरानी रख रही है और इसे सुधार के रूप में नहीं माना जा सकता। इसे सुधार तभी माना जाएगा जब सरकार पीएसयू पर नियंत्रण को स्थानांतरित करेगी।
उन्होंने कहा कि निजीकरण तभी हासिल किया जा सकता है, जब निजी क्षेत्र ब्राउनफील्ड अधिग्रहण में रुचि दिखाए। उन्होंने कहा, ‘सरकार द्वारा घोषित उपायों के माध्यम से निजी क्षेत्र की रुचि फिर से बढ़ी है। हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे आएं और विनिवेश की प्रक्रिया में बढ़-तढ़कर भागीदारी करें। यह उनकी पूंजी निर्माण रणनीति का एक अहम पहलू है जिसमें ब्राउनफील्ड परिसंपत्तियां शामिल हैं जिन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि जब सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने के लिए रुचिपत्र (ईओआई) आमंत्रित करती है, तो निजी क्षेत्र को भी बोली लगाकर अपनी दिलचस्पी दिखानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘आपको ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है और जब हम ईओआई आमंत्रित करते हैं, तो हम बोली लगाने वालों की बड़ी संख्या की अपेक्षा करते हैं जो हमें और अधिक प्रस्ताव लाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।’
बीपीसीएल के अलावा, सरकार ने एयर इंडिया, पवन हंस, बीईएमएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड के निजीकरण के लिए भी बोलियां आमंत्रित की हैं।
