प्राइवेट इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन ने सोमवार को आईटी फर्म एम्फैसिस की 15.1 फीसदी हिस्सेदारी ब्लॉक डील के जरिये बेच दी। पीई दिग्गज ने 2.85 करोड़ शेयर 2,363 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से बेचकर कुल 6,736 करोड़ रुपये जुटाए। खरीदारों में कोटक म्युचुअल फंड (1,121 करोड़ रुपये की खरीद), मॉर्गन स्टैनली (526 करोड़ रुपये) और सोसियाते जेनराली (251 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
एम्फैसिस का शेयर एनएसई पर करीब 3 फीसदी गिरकर 2,398 रुपये पर बंद हुआ, जहां 8,042 करोड़ रुपये के शेयरों का कारोबार हुआ। एम्फैसिस में पहली बार 2016 में निवेश करने के बाद से पीई दिग्गज ने अपने निवेश की वैल्यू में 400 फीसदी की बढ़ोतरी देखी है।
ब्लैकस्टोन ने एम्फैसिस की 60.48 फीसदी हिस्सेदारी साल 2016 में ह्यूलिट पैकर्ड से 5,466 करोड़ रुपये में खरीदी थी। तब एम्फैसिस के शेयर की कीमत 430 रुपये थी।
साल 2021 में ब्लैकस्टोन ने फंडों को स्विच करते हुए एम्फैसिस में 55.45 फीसदी हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए 2.8 अरब डॉलर के निवेशकी प्रतिबद्धता जताई थी। साल 2021 में ब्लैकस्टोन को अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, जीआईसी , यूसी इन्वेस्टमेंट्स जैसे निवेशक फर्म में निवेश करने के लिए मिले।
ब्लैकस्टोन के लिए आईटी व तकनीक में निवेश शानदार साबित हुआ है। तकनीकी कंपनी में निवेश के मामले में उसने लंबी अवधि का निवेशक बने रहने को प्राथमिकता दी है। विगत में ब्लैकस्टोन ने भारतीय तकनीकी सेवा में निवेश किया है और लंबी अवधि की निवेशक रही है।
बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट फर्म इंटेलनेट ऐसा ही एक निवेश था। साल 2018 में ब्लैकस्टोन इससे बाहर निकल गई, जिसे फ्रांस की आउटसोर्सिंग दिग्गज टेलीपरफॉर्मेंस ने 1 अरब डॉलर के सौदे में अधिग्रहीत की थी। ब्लैकस्टोन ने इंटेलनेट का अधिग्रहण साल 2013 में 38.5 करोड़ डॉलर में किया था।
ब्लैकस्टोन ने साल 2023 में आईबीएस सॉफ्टवेयर में निवेश किया था, एपैक्स ने ब्लैकस्टोन की हिस्सेदारी 45 करोड़ डॉलर में अधिग्रहीत की।