वीआई में हिस्सा छोड़ेंगे बिड़ला!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:12 AM IST

आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कर्ज के बोझ से दबी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) में अपनी हिस्सेदारी सरकार या घरेलू वित्तीय इकाई को सौंपने की इच्छा जताई है ताकि संकट में फंसी इस दूरसंचार कंपनी का परिचालन जारी रह सके।
अरबपति उद्योगपति और वोडाफोन आइडिया के प्रवर्तक बिड़ला ने 7 जून को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लिखे पत्र में यह पेशकश की है। वोडाफोन आइडिया पर इस साल मार्च के अंत तक करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, जो वित्त वर्ष 2016 में 37,000 करोड़ था। इसमें टाली गई स्पेक्ट्रम शुल्क भुगतान और सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) की देनदारी भी शामिल है।
बिड़ला ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एजीआर बकाये की नए सिरे से गणना करने के कंपनी के आवेदन को खारिज किए जाने से करीब एक महीने पहले ही सरकार को इस तरह का सुझाव दिया था। उन्होंने अपने पत्र में कंपनी को नियंत्रण छोडऩे और सरकार द्वारा तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत का भी उल्लेख किया है।
पत्र में कहा गया है, ‘वीआईएल से जुड़े 27 करोड़ भारतीयों के प्रति हमारा कर्तव्य है। इसी के मद्देनजर मैं कंपनी में अपनी हिस्सेदारी सरकार या सरकार के कहने पर किसी ऐसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई या घरेलू वित्तीय इकाई या किसी अन्य को सौंपने को तैयार हूं जो कंपनी का परिचालन जारी रखने में समर्थ हो।’
वीआईएल के निदेशक मंडल ने कंपनी को पिछले साल सितंबर में 25,000 करोड़ रुपये पूंजी जुटाने की मंजूरी दी थी लेकिन सरकार से सहायता नहीं मिलने की वजह से कोई निवेशक कंपनी में पैसा लगाने के लिए आगे नहीं आया।
वीआई के ऋणात्मक नेटवर्थ और कंपनी को हो रहे लगातार घाटे की वजह से भी पूंजी जुटाना मुश्किल हो रहा है। पिछले पांच साल में कंपनी का कुल घाटा 1.37 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसकी वजह से कंपनी का नेटवर्थ वित्त वर्ष 2016 के 24,000 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2021 में ऋणात्मक 38,000 करोड़ रुपये हो गया है।
वोडाफोन पीएलसी ने कंपनी में अतिरिक्त इक्विटी निवेश करने से इनकार कर दिया है, वहीं वीआई की पूंजी जरूरत और समूह की वित्तीय स्थिति में काफी अंतर के कारण बिड़ला समूह के हाथ भी बंधे हैं।
वित्त वर्ष 2021 में समूह की सूचीबद्घ कंपनियों (वीआईएल को छोड़कर) का शुद्घ मुनाफा 7,132 करोड़ रुपये रहा, वहीं वीआई को 44,200 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। पिछले पांच साल में बिड़ला समूह की कंपनियों का समेकित शुद्घ मुनाफा 37,600 करोड़ रुपये रहा जबकि वीआई का घाटा 1.37 लाख करोड़ रुपये रहा।

First Published : August 2, 2021 | 11:28 PM IST