ऑनलाइन किराना कारोबार करने वाली कंपनी बिगबास्केट और टाटा समूह के बीच सौदा जल्द ही होने के आसार दिख रहे हैं। बिगबास्केट अपनी बहुलांश हिस्सेदारी बेचने के लिए टाटा समूह के साथ बातचीत कर रही है जो अब अंतिम चरण में है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक रणनीतिक चाल है क्योंकि ऑनलाइन किराना कारोबारी को बड़े निवेशकों से निवेशक हासिल होने की संभावना कम दिख रही है। उन्होंने कहा कि एमेजॉन और रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में जबरदस्त दांव लगा रही हैं और चीन के निवेशकों से रकम जुटाना आसान नहीं दिख रहा है। ऐसे में कंपनी को बाजार में अपनी स्थिति बरकरार रखने के लिए किसी गंभीर साझेदार की आवश्यकता होगी।
फॉरेस्टर रिसर्च के सीनियर फोरकास्ट एनालिस्ट सतीश मीणा ने कहा, ‘बिगबास्केट को अब तीन बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है जिनमें एमेजॉन, वॉलमार्ट और रिलायंस शामिल हैं। यदि बिगबास्केट के सबसे बड़े निवेशक उसमें दांव लगाना चाहते हैं तो उन्हें बड़ा निवेश करना होगा। एक या डेढ़ करोड़ डॉलर के निवेश से कंपनी की कोई मदद नहीं होगी’ इसलिए, बिगबास्केट किसी ऐसे साझेदार को तलाश रही है जिसके साथ वह साझेदारी कर सके अथवा टाटा जैसे रणनीतिक निवेशकों के साथ निवेश को बढ़ाया जा सके। खबरों की मानें तो बेंगलूरु की यह ऑनलाइन किराना कंपनी अपनी करीब 50 फीसदी हिस्सेदारी टाटा समूह को 1 अरब डॉलर में बचने के लिए बातचीत कर रही है। इसके जरिये चीन की कंपनी अलीबाबा अपना निवेश समेटने की संभावनाएं तलाश रही है। बिगबास्केट टाटा समूह के मानदंडों पर भी खरा उतरती है जो अब खुदरा में ओमनी चैनल कारोबार की ओर देख रहा है क्योंकि उसे पता है कि स्टोरों का सांचालन करने वाले प्योरप्ले मॉडल से उसे लंबी अवधि में मदद नहीं मिल पाएगी। मीणा ने कहा, ‘यदि ऐसा हुआ तो यह दोनों पक्षों के लिए अच्छा सौदा होगा।’ रेडसीर की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन किराना कारोबारी को कोविड के कारण काफी फायदा हुआ है और यदि वह किसी बड़े समूह के साथ भागीदारी करने में सफल रहती है तो वह दमदार वृद्धि दर्ज कर सकती है। खाद्य एवं किराना बाजार फिलहाल 0.3 फीसदी है जो 2024 तक बढ़कर 2.3 फीसदी हो सकता है।
