कई बड़े उद्योगों की सहयोगी कंपनियों को कच्चे माल और बिजली की दरों में बढ़ोतरी के कारण संकट से जूझना पड़ रहा है।
कोल्हापुर के पास गोकुलशिरगांव इंडस्ट्रियल एस्टेट में छोटी और मध्यम वर्र्ग की औद्योगिक इकाइयां टाटा समूह, लार्सन ऐंड टुब्रो, महिन्द्रा, क्राम्पटन ग्रीव्स, किर्लोस्कर्स जैसी बड़ी कंपनियों को कलपुर्जों की आपूर्ति करती हैं।
लेकिन ये लघु इकाइयां कीमतों में बढ़ोतरी के कारण संकट का सामना कर रही हैं जिससे बड़ी इकाइयां अपने उत्पादन के उन दरों में बदलाव करने के लिए विवश हो गई हैं जो पिछली अवधि में तय की गई थीं। कलपुर्जों के लिए अपनी दरों में संशोधन नहीं करने वाली इकाइयों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वहीं वैश्वीकरण से कच्चे माल की किफायती दरों पर गुणवत्तायुक्त ढलाई से चुनौती बढ़ गई है। गोकुलशिरगांव मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (जीएमए) के अध्यक्ष बी. एस. पार्वती-पाटिल ने स्पष्ट किया है कि यदि कोल्हापुर में हैं।
उन्होंने बताया कि इसके आसपास छोटी और मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजार की जरूरतों को ध्यान में रख कर प्रोत्साहित किया जाएगा तो उचित कीमतों पर कच्चा माल मुहैया कराने के लिए विशेष प्रावधान बनाए जाएंगे और विद्युत दरों में वृद्धि की जांच की जाएगी। पाटिल ने अपनी हालिया विदेश यात्रा के दौरान वैश्विक बाजारों में कलपुर्जों और गुणवत्तायुक्त ढलाई की मांग का आकलन किया है।