करीब 245 अरब डॉलर के भारतीय आईटी उद्योग को झकझोरने वाली आर्थिक दिक्कतें अभी दूर नहीं हुई हैं। गैर जरूरी खर्चों में कमी आने के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शीर्ष भारतीय आईटी कंपनियों का राजस्व जनवरी-मार्च तिमाही से कम हो सकता है या मामूली बढ़ सकता है।
आम तौर पर पहली तिमाही आईटी कंपनियों के लिए दमदार रहती है मगर कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों के अनुसार अप्रैल-जून, 2023 की तिमाही अपवाद रहेगी। इस दौरान विप्रो और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों के राजस्व में गिरावट दिख सकती है और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का राजस्व स्थिर रह सकता है। एचसीएल टेक और इन्फोसिस के राजस्व में 1 फीसदी की मामूली वृद्धि दिखने के आसार हैं।
कोटक के विश्लेषकों ने कहा, ‘हमें लगता है कि पिछले साल की अप्रैल-जून तिमाही के मुकाबले एक अंक में ही वृद्धि होगी। विभिन्न क्षेत्रों खासकर वित्तीय सेवा, दूरसंचार और उच्च प्रौद्योगिकी में गैर जरूरी खर्च कम हो जाने के कारण कमाई कमजोर रह सकती है।’
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषक भी मान रहे हैं कि मांग कमजोर रहने से वृद्धि को झटका लग सकता है। फर्म ने वित्तीय नतीजे जारी होने से पहले अपनी एक रिपोर्ट में कहा, ‘बैंकिंग और हाईटेक जैसे प्रमुख उद्योग क्षेत्रों और अमेरिका एवं यूरोप जैसे प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों में आर्थिक दिक्कतों के साथ ब्याज दर लगातार ऊंची बनी रहने और महंगाई बरकरार रहने से गैर जरूरी प्रौद्योगिकी की मांग अकट रही है। हरेक सौदे की ज्यादा जांच-पड़ताल हो रही है, जिससे सौदा पक्का होने में भी ज्यादा वक्त लग रहा है। ऑर्डर मिलने के बाद पूर्ण भुगतान होने में भी ज्यादा समय लग रहा है।’
एक्सेंचर की हाल की आय भी बता रही है कि डिजिटल बदलाव और परामर्श के छोटे सौदे बंद हो रहे हैं। साथ ही खर्च कम करने वाले बड़े सौदों पर जोर दिया जा रहा है। विश्लेषकों को लगता है कि इस सूरत में ठेकों की अवधि बढ़ जाएगी और राजस्व देर में आएगा।
अधिकतर विश्लेषक मान रहे हैं कि मार्जिन में भी गिरावट आएगी। कोटक ने कहा, ‘यदि कंपनियां राजस्व में गिरावट के कारण परिचालन मार्जिन में कमी और वेतन वृद्धि के बीच वेरिएबल भुगतान नहीं घटाती हैं तो एबिटा मार्जिन मार्च तिमाही के मुकाबले 20 से 90 आधार अंक गिर सकता है। पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले मामूली वृद्धि दिखेगी।’
राजस्व वृद्धि की तस्वीर शायद ही बदले। कोटक के विश्लेषकों ने कहा कि इन्फोसिस 4 से 7 फीसदी का अपना राजस्व वृद्धि अनुमान घटाकर 4 से 6 फीसदी कर सकती है। एचसीएल टेक का राजस्व वृद्धि अनुमान सायद 6 से 8 फीसदी बना रहेगा। सितंबर, 2023 तिमाही के लिए विप्रो का तिमाही राजस्व वृद्धि अनुमान -1 फीसदी से 1 फीसदी के दायरे में रहने की संभावना है।
टीसीएस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कंपनी की हालिया वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों से कहा कि मौजूदा अनिश्चितताओं को देखते हुए कंपनियां अपने खर्च में कटौती करेंगी। उन्होंने कहा, ‘कंपनियां कुछ गैर जरूरी खर्च पर लगाम कसेंगी। मैं समझता हूं कि मध्यवाधि से दीर्घावधि के दौरान वृद्धि दमदार रहेगी लेकिन निकट भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में अस्थिरता दिखेगी।’