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बैंकिंग संकट का हम पर कोई नकारात्मक असर नहीं- गोपीनाथन

Published by
शिवानी शिंदे
Last Updated- April 17, 2023 | 7:49 AM IST

TCS छोड़कर जा रहे मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन के लिए वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही इस भूमिका में उनकी अंतिम तिमाही होगी क्योंकि वह कंपनी छोड़ रहे हैं। हालांकि गोपीनाथन ने अपने इस्तीफे से संबंधित किसी भी सवाल का जवाब देने से परहेज किया और कहा कि नामित मुख्य कार्याधिकारी द्वारा भूमिका संभालने के बाद ही किसी और बात पर चर्चा की जाएगी।

शिवानी शिंदे के साथ एक बातचीत में उन्होंने व्यापक माहौल, लोगों और विकास से संबंधित मसलों पर सामान्य चक्र लाने के बारे में बात की। संपादित अंश…

वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही काफी हैरतअंगेज रही, ग्राहक क्या कह रहे हैं और आप इस पीड़ा को कैसे देखते हैं?

व्यापक स्तर पर हम नकारात्मक नहीं हैं। हमने केवल वही साझा किया, जो तिमाही में हुआ, जिसमें हमें हैरानी हुई और यह काफी ज्यादा निकली, जबकि हम उम्मीद कर रहे थे कि इसमें इजाफा होगा।

व्यापक बिंदु के लिहाज से हम ब्रिटेन के संबंध में काफी सकारात्मक हैं, यूरोप लगातार सकारात्मक हो रहा है तथा अमेरिका हैरान करने वाला रहा है और इसलिए अल्पावधि के लिए कहना मुश्किल है। लेकिन हम मानते हैं कि अमेरिकी कंपनियां, खास तौर पर हमारे ग्राहक बहुत अच्छी स्थिति में हैं।

हम अमेरिका के संबंध में प्रत्यक्ष रूप से नकारात्मक नहीं हैं क्योंकि अंतर्निहित ताकत काफी ठोस है। मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव और इसके प्रभावों के कारण अनिश्चितता बढ़ रही है। लेकिन तब भी हम अर्थशास्त्री नहीं हैं। हमने इसे मौलिक आधार से अधिक देखा और महसूस किया कि साल के अंत में सावधान रहना चाहिए और साल की शुरुआत में इसमें दोबार उछाल आनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

हस्ताक्षरित अनुबंध की कुल कीमत (TCV) और वृद्धि के तौर पर हमें वास्तव में जो मिलता है, उनमें असंतुलन बढ़ रहा है। क्या आप इसके बारे में विस्तार से बताएंगे?

TCV उसी तिमाही में राजस्व में तब्दील नहीं होती। इसी वजह से हम कह रहे हैं कि मांग के कुल परिदृश्य या आर्थिक हालात पर हमारा नजरिया नकारात्मक नहीं है। हम कह रहे हैं कि अल्पावधि के बारे में बतना मुश्किल है, खास तौर से यह देखते हुए कि अमेरिका में जो हो रहा है वह ढांचागत नहीं है।

… क्या यह केवल BFSI तक ही सीमित है या सभी क्षेत्रों में है?

यह निश्चित रूप से सभी क्षेत्रों में है। इसका फौरी असर बीएफएस खंड पर पड़ा। हमने कहा था कि पिछली तिमाही में खुदरा क्षेत्र नरम रहा। अवकाश सीजन की बिक्री अधिक रही, लेकिन महंगाई और मूल्य उत्पादों की ओर रुख करने संयोजन से राजस्व और मार्जिन पर असर पड़ा।

इसलिए खुदरा विक्रेता सतर्क हो रहे थे। हमें उम्मीद थी कि इस सतर्कता में बदलाव होगा, लेकिन उन्होंने और कड़ा रुख कर दिया। वाहन क्षेत्र सतर्क रहा है और इस क्षेत्र में मांग दर चक्रों के प्रति संवेदनशील है। लेकिन उस उद्योग में कुछ अनुकूल चीजें भी हैं।

बैंकिंग संकट से TCS के मौजूदा सौदे कितने प्रभावित होंगे?

इसका हम पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। प्रभावित बैंकों के अल्पाव​धि खर्च में कमी आएगी। आगामी व्यावसायिक संभावनाओं का आकलन अब ज्यादा कठिन हो गया है। जब अनि​श्चितताएं दूर हो जाएंगी, ज्यादा ठोस निर्णय ​लेने में मदद मिलेगी। हमने अभी तक किसी तरह के नुकसान से जुड़ी रा​शि को बट्टे खाते में नहीं डाला है और हमारी प्रा​प्तियां सुर​क्षित हैं। चूंकि वे लागत कटौती पर जोर देंगे, क्योंकि यह हमारे लिए एक शुद्ध व्यवसाय है।

पिछली तिमाही में आपने क्लाउड में तेजी लाने की बात कही थी, क्या अब यह प्रक्रिया व्यापक चुनौतियों की वजह से प्रभावित हुई है?

हमने जो वादा किया था, उस पर काम जारी है और यह लगभग गैर-डिस्क्रेशनरी है, क्योंकि उन्होंने ये अनुबंध हाइपरस्केलरों के साथ किए हैं। उन्हें बड़े बदलाव लाने और यह सुनि​श्चित करने की जरूरत है कि वे सही समय पर क्लाउड पर ध्यान बढ़ाएंगे। हाइपरस्केलर में बिक्री वृद्धि की रफ्तार घटी है, लेकिन इसकी वजह यह है कि क्लाउड परियोजनाएं तेज क्रियान्वयन के दौर में प्रवेश कर रही हैं।

वित्त वर्ष 2024 में संभावनाएं कैसी दिख रही हैं?

यह अलग अलग बाजार पर निर्भर करेगा। ब्रिटेन काफी सकारात्मक दिख रहा है, यूरोप में संभावनाएं बढ़ रही हैं और ऊर्जा संकट और कई अन्य समस्याएं दूर हुई हैं। यदि आप चौथी तिमाही की TCV पर नजर डालें तो पता चलता है कि यूरोप से 5 करोड़ डॉलर श्रेणी में सौदों की संख्या पिछली तीन तिमाहियों के मुकाबले ज्यादा रही। ये दो बड़े बाजार हैं। अमेरिका में, हम अभी कुछ नहीं करना चाहेंगे। मैं यही कह सकता हूं कि वहां अभी कोई बड़ी चुनौती नहीं दिख रही है।

TCS छोड़ने की दर 20 प्रतिशत पर कंपनी के सहज स्तर से अभी भी ऊपर बनी हुई है। वित्त वर्ष 2024 के लिए आप इसे किस नजरिये से देखते हैं?

तिमाही आधार पर सालाना एट्रीशन अब घटकर 16 प्रतिशत रह गई है। एलटीएम आंकड़ा अभी भी पिछला है। तिमाही आधार पर सालाना आंकड़ा काफी नीचे आया है और यह हमारे अनुमान के मुकाबले काफी तेजी से घटा है। हम अगली तिमाही में इसके 16 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद करेंगे।

कर्मचारियों के संदर्भ में हमने देखा है कि उद्योग में क्या हो रहा है। हमने दो साल पहले वित्त वर्ष 2022 में निवेश किया। वित्त वर्ष 2023 में हमें इसका फायदा मिला। वित्त वर्ष 2022 में हमने करीब 1,10,000 कर्मचारियों का इजाफा किया ​और वित्त वर्ष 2023 में 22,000 की शुद्ध वृद्धि की। आपको इन दोनों वर्षों पर ध्यान देना चाहिए।

First Published : April 17, 2023 | 7:49 AM IST