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ऐपल के चीनी आपूर्तिकर्ताओं से बढ़ेगी नौकरी

Published by
शाइन जेकब
Last Updated- January 23, 2023 | 1:57 AM IST

व्यस्त रहने वाले चेन्नई-बेंगलूरु राजमार्ग, जहां इन दिनों निर्माण कार्य की वजह से मार्ग बाधित रहता है, के पास एक बोर्ड पर लिखा है ‘स्वागत : लक्सशेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि तकरीबन दो महीने पहले तक इस बोर्ड पर मोटोरोला का नाम था, जिसकी कभी तमिलनाडु में चेन्नई से 40 किलोमीटर दूर श्रीपेरंबदुर में एक निर्माण इकाई थी।

मई 2020 में चीन स्थित मुख्यालय वाली एयरपोड और आईफोन की असेंबलर लक्सशेयर प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी ने निष्क्रिय पड़ी मोटोरोला की इकाई हासिल करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौता किया था। कंपनी ने इस इकाई के लिए 750 करोड़ रुपये का निवेश भी जुटाया था और आखिरकार अब दो साल बाद इस संबंध में मामला आगे बढ़ रहा है।

लक्सशेयर को ऐपल इंक की उन 14 चीनी आपूर्तिकर्ताओं में से एक कहा जाता है, जिन्हें देश में काम करने के लिए सरकार से शुरुआती मंजूरी मिली है।

श्रीपेरंबदुर के लिए, जो पहले ही फॉक्सकॉन में अनुबंध पर ऐपल उपकरणों की विनिर्माता की मेजबानी कर रहा है, यह संभावित रूप से उत्पन्न होने वाली नौकरियों के संबंध में अच्छी खबर है। फॉक्सकॉन की इकाई लक्सशेयर से मुश्किल से आधा किलोमीटर दूर है।

फिलहाल भारत में इकाइयां रखने वाली ऐपल आईफोन की तीन विनिर्माता हैं ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन (कर्नाटक में कारखाना) और पेगाट्रॉन (महिंद्रा वर्ल्ड सिटी, चेन्नई)। हालांकि वैश्विक स्तर पर ऐपल की लगभग 190 आपूर्तिकर्ता हैं, लेकिन अब तक केवल 12 के पास ही भारत में विनिर्माण सुविधाएं हैं।

इस बीच लक्सशेयर इकाई में बाहर खड़े कुछ दोपहिया वाहनों और कुछेक साइकिलों के अलावा शांति ही दिखती है।

कार्य स्थल पर एक व्यक्ति, जो अपना नाम नहीं बताना चाहता है, का कहना है कि वर्तमान में इस इकाई में बहुत ज्यादा कर्मचारी नहीं हैं। करीब 10-20 ही हैं। उक्त व्यक्ति ने कहा कि सरकार द्वारा शुरुआती मंजूरी दिए जाने से अगले कुछेक महीने में यहां काम शुरू हो सकता है।
इकाई के एक सुरक्षा कर्मी का कहना है कि फिलहाल कुछ नहीं हो रहा है। कोई आधिकारिक उपस्थिति नहीं है।

मोटोरोला की इकाई को वर्ष 2012 में उसकी तत्कालीन मूल कंपनी गूगल ने बंद कर दिया था और वर्ष 2014 में लेनोवो ने मोटोरोला को खरीद लिया, लेकिन इकाई को फिर से सक्रिय करने के सभी प्रयास नाकाम रहे। इसके बाद वर्ष 2020 में लक्सशेयर ने इसका अधिग्रहण करने के लिए सौदा किया।

एक सूत्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अभी तक इकाई में एयरपॉड या शुरुआती स्तर के आईफोन असेंबल करने की कोई योजना नहीं है।
ऐपल ने इस घटनाक्रम के संबंध में बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।

कहा जाता है कि चीन से बाहर आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने की अपनी रणनीति के तहत ऐपल इंक भारत में अपने आईफोन का उत्पादन तीन गुना करने की योजना बना रही है, जो देश को अमेरिकी कंपनी के लिए आपूर्ति केंद्र बना देगा।

फॉक्सकॉन ने हाल ही में श्रीपेरंबदुर में 50 करोड़ डॉलर के निवेश की योजना की घोषणा की थी। इसके बाद ऐसी खबरें आईं कि इससे श्रीपेरंबदुर इकाई में 15,000 से ज्यादा नौकरियां मिल सकती हैं।

सितंबर में पेगाट्रॉन भारत में विनिर्माण इकाई स्थापित करने वाली ऐपल की तीसरी वेंडर (फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन के बाद) बन गई। इसने चेन्नई की महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में एक इकाई स्थापित करने के लिए लगभग 1,100 करोड़ रुपये का निवेश किया है और यह इकाई संभावित रूप से तकरीबन 14,000 नौकरियों का सृजन करेगी।
First Published : January 23, 2023 | 1:57 AM IST