देश की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी भारती एयरटेल का वित्त वर्ष 2009 की चौथी तिमाही का परिणाम उम्मीद से थोड़ा बेहतर रहा है।
31 मार्च 2009 को खत्म तिमाही में एयरटेल के शुद्ध मुनाफे में करीब 21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 2,239.3 करोड़ रुपये हो गया। नगद प्रवाह बने रहने से वित्त वर्ष 2008-09 की पूरी अवधि में एयरटेल को 26 फीसदी ज्यादा नगदी मिली। यह आंकड़ा बढ़कर 14,006 करोड़ रुपये हो गया।
टावर और आधारभूत ढांचे के लिए उसने अलग एक कंपनी बना दी। इसका परिणाम यह हुआ कि कंपनी ने इस साल पहली बार 20 फीसदी का लाभांश घोषित किया है। निवेशकों के हित में कदम उठाने का दावा करते हुए बोर्ड ने कंपनी के शेयर को दो हिस्सों में तोड़ने को भी मंजूरी दे दी है।
मतलब यह कि कंपनी के 10 रुपये अंकित मूल्य के शेयर के बदले अब 5-5 रुपये के दो शेयर इसके धारकों को मिलेंगे। कंपनी में भारती टेलीकॉम के जरिए 45.30 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले प्रवर्तकों के पास करीब 85.9986 करोड़ शेयर हैं।
चूंकि 20 फीसदी के हिसाब से हर शेयर पर 2 रुपये का लाभांश शेयरधारकों को मिलेगा तो प्रवर्तकों को इतने शेयरों के बदले करीब 172 करोड़ रुपये का लाभांश मिल जाएगा। भारती एयरटेल के शेयर बीएसई में 3.25 फीसदी चढ़कर 749.30 रुपये पर बंद हुए।
भारती इंटरप्राइजेज समूह के उप मुख्य कार्याधिकारी अखिल गुप्ता ने बताया, ”हमारे पास मुक्त नगदी है, जिसके आगे भी उपलब्ध रहने का पूरा अनुमान है। इस चलते हमने इस साल पहली बार लाभांश देने का निर्णय लिया है।”
उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनी और 2.2 अरब डॉलर का निवेश कर सकती है। इसके अलावा, आधारभूत ढांचे पर 1 अरब डॉलर निवेश करने की कंपनी की योजना है।
