प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने आज कहा कि शुल्क दरों में वृद्धि होनी चाहिए क्योंकि प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) 200 रुपये के दायरे में होना चाहिए जो फिलहाल 157 रुपये है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ (भारत एवं दक्षिण एशिया) गोपाल वि_ल ने यह नहीं बताया कि क्या कंपनी निकट भविष्य में अपनी शुल्क दरों में बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है। एयरटेल का प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में बढ़कर 157 रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 129 रुपये था। उन्होंने वित्तीय परिणाम जारी करने के बाद विश्लेषकों से बातचीत में कहा कि एआरपीयू में वृद्धि कारोबार की प्रकृति के अनुरूप है क्योंकि बड़ी तादाद में कंपनी के 2जी ग्राहकों ने 4जी सेवाओं को अपनाया है। पिछली बार कंपनी ने दिसंबर 2019 में शुल्क दरों में वृद्धि की थी। लगभग उसी दौरान वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो ने भी अपनी शुल्क दरों में करीब 30 फीसदी का इजाफा किया था।
वि_ल के अनुसार, अप्रैल से जून की अवधि चुनौतीपूर्ण थी। उन्होंने कहा, ‘देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आपूर्ति शृंखला बाधित हो गई जिससे स्मार्टफोन के शिपमेंट में भारी गिरावट आई और 2जी से 4जी में स्थानांतरण की रफ्तार सुस्त पड़ गई। इसके अलावा बड़ी तादाद में हमारे ऑफलाइन चैनल पार्टनर की दुकान बंद हो गई। हमारे खुद के खुदरा स्टोर भी बंद रहे जिससे लोगों के लिए रीचार्ज की सुविधा प्रभावित हुई। नेटवर्क तैनाती के मोर्चे पर हमारी रफ्तार भी सुस्त पड़ गई।’
हालांकि लॉकडाउन के दौरान अधिकतर लोगों घर से ही काम करने के कारण डेटा की उपयोगिता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। डेटा उपयोगिता में वृद्धि के बल पर कंपनी का समेकित राजस्व 15.4 फीसदी बढ़कर 23,939 करोड़ रुपये हो गया। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारती एयरटेल का कर पूर्व लाभ दोगुना बढ़ोतरी के साथ 372 करोड़ रुपये हो गया। जबकि कंपनी का समेकित शुद्ध घाटा असाधारण चीजों को छोड़कर 436 करोड़ रुपये और असाधारण वस्तुओं को मिलाकर 15,933 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी ने प्रावधान को बढ़ाकर 10,744 करोड़ रुपये कर दिया है जिसमें दूरसंचार विभाग द्वारा दायर शपथ पत्र के आधार पर ब्याज दर के हिसाब से कुल प्रावधान पर ब्याज भी शामिल है। कंपनी ने इसे असाधारण वस्तुओं की श्रेणी में रखा है। दूरसंचार विभाग के आकलन के अनुसार, एयरटेल पर 43,780 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है जिसमें से 18,004 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। किस्तों में भुगतान के मुद्दे पर 20 जुलाई को फैसला टल गया था। मामले की सुनवाई अब 10 अगस्त को होगी।
कंपनी ने कहा है कि उसका एबिटा 10,639 करोड़ रुपये रहा जबकि एबिटा मार्जिन 44.4 फीसदी दर्ज किया गया। कंपनी के 4जी उपयोगकर्ताओं की संख्या 45.3 फीसदी बढ़कर 13.83 करोड़ हो गई। तिमाही के दौरान एयरटेल और कार्लाइल ने एक करार किया जिसके तहत एयरटेल के डेटा सेंटर कारोबार में 25 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कालाईल करेगी।
