अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी तथा एज्योर पावर के पूर्व अधिकारियों सहित 7 लोगों पर अमेरिकी अभियोजकों ने सौर ऊर्जा के ठेके हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इस मामले में अमेरिका के न्याय विभाग और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा न्यूयॉर्क की अदालत में मामला दर्ज कराया गया है।
अदाणी समूह के प्रवक्ता ने आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें बेबुनियाद बताया है। समूह इस मामले में कानूनी उपायों का सहारा लेगा।
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि अदाणी समूह की इंडियन एनर्जी कंपनी के अधिकारियों गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन पर प्रतिभूतियों में धोखाधड़ी की साजिश रचने का आरोप है। साथ ही झूठे तथा भ्रामक बयानों के आधार पर अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से अरबों डॉलर जुटाने की योजना में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाते हुए अदालत में पांच आपराधिक मामले दायर किए गए हैं।
बयान में कहा गया है, ‘एज्योर पावर के पूर्व कार्याधिकारियों रंजीत गुप्ता और रूपेश अग्रवाल, कनाडा के संस्थागत निवेशकों सिरिल कैबेन्स, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा पर विदेशी भ्रष्ट व्यवहार अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन के आरोप में मामला दायर किया गया है।’
डिप्टी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर ने कहा, ‘इस अभियोग में भारत में सरकारी अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने, निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलकर अरबों डॉलर जुटाने और न्याय में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है।’
अमेरिका के न्याय विभाग ने कहा कि 2020 और 2024 के बीच अदाणी समूह भारत सरकार से सौर ऊर्जा के ठेके हासिल करने के लिए 26.5 करोड़ डॉलर से अधिक की रकम देने को राजी हो गया था। इन ठेकों से समूह को 20 साल में करीब 2 अरब डॉलर का लाभ होने का अनुमान है।
इन खबरों के बाद अदाणी समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट आई और समूह का कुल बाजार पूंजीकरण 2.2 लाख करोड़ रुपये घट गया। इसका असर बाजार पर भी पड़ा और बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 0.54 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ।
इस बीच समूह की कंपनी अदाणी ग्रीन ने डॉलर बॉन्ड से 60 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना रद्द कर दी। रिश्वत देने और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद केन्या की सरकार ने अदाणी समूह के साथ करोड़ों डॉलर के हवाई अड्डा विस्तार और ऊर्जा सौदों को रद्द कर दिया है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि अमेरिकी सरकार के आरोप अदाणी समूह की कंपनियों की उधारी जुटाने की क्षमता पर नकारात्मक असर डालेंगे। प्रॉक्सी फर्मों के अनुसार इस घटना से अदाणी समूह की साख प्रभावित होगी और उधारी लगात भी बढ़ सकती है।
(साथ में मुंबई से खुशबू तिवारी)