सरकार ने गुरुवार को औद्योगिक मांग को बढ़ाने के लिए अंतरिम बजट में राहत पैकेज के स्पष्ट संकेत दिए हैं।
सरकार ने कहा है कि लोक सभा चुनावों से पहले आवश्यक नीतिगत हस्तक्षेप की घोषणा करने में संविधान में किसी तरह की रोक नहीं है।
यहां फिक्की के एक समारोह में उद्योग राज्यमंत्री अश्वनी कुमार ने कहा, ‘एक नपीतुली नीतिगत सुझाव तैयार किए जाने की प्रक्रिया में है। आपको अंतरिम बजट के लेखानुदान में कुछ संकेत देखने को मिलेंगे।’
उन्होंने कहा कि संसद में लेखानुदान से पहले भी कुछ क्षेत्र विशेष राहत पैकेजों की घोषणा की जाएगी। गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि लेखानुदान में पैकेजों की घोषणा करने में सरकार पर किसी तरह की रोक नहीं है।
कैबिनेट की बैठक के बाद चिदंबरम ने कहा, ’16 फरवरी तक इंतजार करें। एक पैकेज हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता।’ कुमार ने कहा, ‘हम क्षेत्र-विशेष के लिए पैकेज ला रहे हैं जिससे इन क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जा सके विशेषकर ऐसे क्षेत्र जो श्रम आधारित हैं।’
निर्यात को रियायत देगी सरकार
निर्यात क्षेत्र में नौकरियों की छंटनी को देखते हुए सरकार ने निर्यात क्षेत्र को रियायत देने के लिए एक पैकेज के बारे में विचार कर रही है। इस समय निर्यात क्षेत्र वैश्विक मंदी के कारण भारतीय सामानों के मांग में गिरावट झेल रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में कहा कि जो भी रियायत होगी वह अस्थायी होगा। उन्होंने कहा कि इस पैकेज की घोषणा एक माह के अंदर हो जाएगी। एक सरकारी अध्ययन के मुताबिक निर्यात क्षेत्र में अक्तूबर से दिसंबर के दौरान करीब 5 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं।
