सरकारी स्वामित्व वाली स्टील कंपनी सेल ने पिछले एक महीने में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की है। ज्यादातर बढ़त पिछले चार कारोबारी सत्र मेंं दर्ज हुई है और यह शेयर 100 रुपये से 28 फीसदी की बढ़त के साथ 128 रुपये पर पहुंच गया। धातु क्षेत्र की सभी कंपनियों के शेयर बढ़त की राह पर हैं, लेकिन हाल के हफ्तों में सेल के शेयर ने सबसे उम्दा प्रदर्शन किया है।
इक्विरस के विश्लेषकों ने कहा, सेल में क्षमता विस्तार, कीमत बढ़ोतरी की गुंजाइश और खुद की खदान जैसे संसाधन जैसे अहम कारकों की वजह से उसके शेयर में काफी ज्यादा बढ़त हो सकती है।
इक्विरस के विश्लेषक सिद्धार्थ गडेकर ने कहा, सेल अपने सबसे ज्यादा आक्रामक विस्तार योजना की राह पर है और धीरे-धीरे नई क्षमता जोड़ रही है। देसी एचआरसी की कीमतें अप्रैल में 7,000 रुपये प्रति टन बढ़ी है और अभी 12,500 रुपये प्रति टन पर कारोबार कर रहा है, जो जापान की लैंडेड प्राइस से छूट पर है, जिसका मतलब यह हुआ कि कीमतों में बढ़ोतरी की और गुंजाइश है। चूंकि सेल को लौह अयस्क बेचने की अनुमति है और क्षमता विस्तार आदि पर उसकी तरफ से हुआ ज्यादातर पूंजीगत खर्च वित्त वर्ष 2022 में परिणाम देने लगेगा, ऐसे में हमें एबिटा में बढ़ोतरी की उम्मीद है और शेयर के मूल्यांकन में अगले दो साल में दोबारा रेटिंग देखने को मिलेगी।
परियोजनाओं में देरी, कर्मचारियों की ज्यादा लागत और समकक्ष कंपनियों के मुकाबले लागत ढांचा ऊंचा होने के कारण सेल विभिन्न वर्षो में पिछड़ी रही है। टाटा स्टील और जेएसडब्ल्यू स्टील समेत ज्यादातर अग्रणी स्टील कंपनियां अभी अपने सर्वोच्च स्तर पर कारोबार कर रही हैं। लेकिन सेल अभी साल 2007 के सर्वोच्च स्तर से आधे पर कारोबार कर रही है।
गडेकर ने कहा कि कंपनी में आने वाले समय में बेहतर परिचालन दक्षता आएगी, जिससे अगले दो साल में 2,500-3,000 रुपये प्रति टन की बढ़त देखने को मिलेगी।
पिछले महीने बीएसई मेटल इंडेक्स सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला क्षेत्रीय सूचकांक था, जिसमें 24 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स 1.5 फीसदी टूट गया था।
हालांकि कुछ विश्लेषक इसे बिना किसी ठोस आधार के अति उत्साह के तौर पर देख रहे हैं।
