facebookmetapixel
Tata Group में नई पीढ़ी की एंट्री! नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा बने ट्रस्टी, जानिए क्या है रतन टाटा से कनेक्शनभारत-भूटान ने किए 7 समझौते, 4000 करोड़ रुपये के ऊर्जा ऋण का ऐलान₹12 तक डिविडेंड पाने का आज आखिरी मौका! कल ये 6 कंपनियां करेंगे एक्स डेट पर ट्रेडलाल किले के पास विस्फोट की जांच अब NIA करेगी, पुलवामा से जुड़े मॉड्यूल पर सतर्कताअचल संपत्ति बेचना ‘सेवा’ नहीं, यह सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर: सुप्रीम कोर्ट तेजी का मौका! एनालिस्ट ने बताए 3 स्टॉक्स जो पहुंच सकते हैं ₹2,980 तकग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य में बदलाव, 2030 तक 30 लाख टन उत्पादन का नया टारगेटStock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से पॉजिटिव संकेत, एशियाई बाजारों में तेजी; आज चढ़ेगा या गिरेगा बाजार ?क्विक कॉमर्स में मुनाफे की नई दौड़ शुरू! मोतीलाल ओसवाल ने Swiggy और Eternal पर जारी किए नए टारगेट्सIRDAI की नजर स्वास्थ्य बीमा के दावों पर, निपटान राशि में अंतर पर चिंता

Rabi Season 2022: गेहूं का रकबा 30 दिसंबर तक 3.59 प्रतिशत बढ़ा, उत्पादन बेहतर रहने की संभावना

Last Updated- December 30, 2022 | 5:37 PM IST
Wheat

गेहूं का कुल रकबा, एक साल पहले की तुलना में 3.59 प्रतिशत बढ़कर 325.10 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। रबी फसलों की बोआई अब समाप्त होने की ओर है। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। रबी की मुख्य फसल गेहूं की बोआई अक्टूबर से शुरू हो गई थी। मक्का, ज्वार, चना और सरसों अन्य प्रमुख रबी फसलें हैं।

इन फसलों की कटाई अगले साल मार्च/अप्रैल में शुरू होगी। ताजा आंकड़ों के अनुसार, किसानों ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के मौजूदा रबी सत्र में 30 दिसंबर तक 325.10 लाख हेक्टेयर से भी अधिक रकबे में गेहूं की बोआई की है, जबकि पिछले वर्ष यह रकबा 313.81 लाख हेक्टेयर था।

जिन राज्यों में बोआई का रकबा अधिक रहा है, उनमें उत्तर प्रदेश (3.59 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (2.52 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (1.89 लाख हेक्टेयर), गुजरात (1.10 लाख हेक्टेयर), बिहार (0.87 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (0.85 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.66 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (0.21 लाख हेक्टेयर), जम्मू और कश्मीर (0.08 लाख हेक्टेयर), असम (0.02 लाख हेक्टेयर) और झारखंड (0.03 लाख हेक्टेयर) शामिल हैं।

गेहूं की उपज के बेहतर रहने की संभावना

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रबी फसलों की बोआई अब तक लगभग पूरी हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बोआई गन्ने की कटाई के बाद जनवरी में की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि किसानों ने वर्ष 2023 में भी समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिलने की उम्मीद में अधिक रकबे में गेहूं की बोआई की है।

गेहूं उपज की संभावना अभी बेहतर दिखाई दे रही है और मंत्रालय को उम्मीद है कि मौसम की स्थिति अच्छी रहने पर रिकॉर्ड उत्पादन होगा। आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सत्र में 30 दिसंबर तक धान की बोआई का रकबा भी बढ़कर 16.53 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की अवधि में 13.70 लाख हेक्टेयर था।

यह भी पढ़ें: Rabi Season 2022: रबी फसलों की बोआई 4.46 फीसदी बढ़ी, सरसों के रकबे में 9 फीसदी का इजाफा

इसी तरह, समीक्षाधीन अवधि के दौरान 150.10 लाख हेक्टेयर के मुकाबले दालों का रकबा बढ़कर 153.09 लाख हेक्टेयर हो गया है। इस रबी सत्र में अब तक कुल दलहन में से 105.61 लाख हेक्टेयर में चना बोया जा चुका है। आंकड़ों से पता चलता है कि मोटे और पौष्टिक अनाज का रकबा पहले के 44.85 लाख हेक्टेयर से मामूली बढ़कर 46.67 लाख हेक्टेयर हो गया है।

तीस दिसंबर तक विभिन्न प्रकार के तिलहनों का कुल रकबा बढ़कर 103.60 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की अवधि में 94.96 लाख हेक्टेयर ही था। आंकड़ों से पता चलता है कि इसमें से रेपसीड-सरसों का रकबा पहले के 86.56 लाख हेक्टेयर की तुलना में बढ़कर 94.22 लाख हेक्टेयर हो गया है। नतीजतन, चालू रबी सत्र में 30 दिसंबर तक रबी फसलों का कुल रकबा 4.46 प्रतिशत बढ़कर 645 लाख हेक्टेयर पहुंच गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 617.43 लाख हेक्टेयर था।

First Published - December 30, 2022 | 5:30 PM IST

संबंधित पोस्ट