सोयाबीन की पेराई (crushing) भाव गिरने से धीमी पड़ने लगी है। मार्च महीने में फरवरी की तुलना में 11 फीसदी कम पेराई हुई है। भाव कम मिलने से किसान सोयाबीन को बेचने की बजाय रोकने को तरजीह दे रहे हैं। जिससे मंडियों में इसकी आवक भी कम हो रही है। हालांकि चालू तेल वर्ष में अब तक कुल पेराई पिछले साल तेल वर्ष की समान अवधि की तुलना में अधिक है।
मार्च में पेराई 11 फीसदी घटी
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष 2022-23 के मार्च महीने में 8 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई है, जबकि फरवरी महीने में 9 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थी। इस तरह सोयाबीन पेराई मार्च में फरवरी से करीब 11 फीसदी कम हुई। हालांकि चालू वर्ष की (अक्टूबर-मार्च) अवधि में कुल पेराई में इजाफा हुआ है।
मार्च तक 60.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में हुई 42 लाख टन सोयाबीन की पेराई से अधिक है। सोपा के मुताबिक इस तेल वर्ष पेराई के लिए 134.55 लाख टन सोयाबीन की उपलब्धता रहने का अनुमान है, जो पिछले तेल वर्ष की उपलब्धता 113.27 लाख टन से करीब 19 फीसदी अधिक है।
सोपा के कार्यकारी निदेशक डी एन पाठक के अनुसार सोयाबीन के भाव गिरने के कारण किसान सोयाबीन को रोककर रख रहे हैं। जिससे इसकी आवक भी गिरी है। साथ सोयाबीन की पेराई में भी कमी आ रही है।
जिंस विश्लेषक और एग्रीटेक कंपनी green agrevolution pvt ltd में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि महीने भर में सोयाबीन के भाव 200 से 300 रुपये गिरकर 5,500 रुपये प्रति क्विंटल पर आ चुके हैं। आगे भाव 5,400 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर सकते हैं।
सोयाबीन की आवक भी गिरी
किसानों द्वारा सोयाबीन कम बेचने से मंडियों में इसकी आवक भी सुस्त पड गई है। सोपा के अनुसार मार्च महीने में 6 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई, जो फरवरी में 10 लाख टन आवक की तुलना में 40 फीसदी कम है। हालांकि चालू तेल वर्ष में मार्च तक कुल आवक पिछली समान अवधि से अधिक है।
सोयाबीन की मार्च तक 77 लाख टन आवक हो चुकी है, पिछले साल मार्च तक यह आंकड़ा 61 लाख टन था। पॉल ने कहा कुल आवक ज्यादा इसलिए है क्योंकि इस तेल वर्ष में सोयाबीन की अधिक पैदावार और पिछले साल काफी स्टॉक बचने से कुल उपलब्धता अधिक है।
सोपा के मुताबिक इस तेल वर्ष में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 147.55 लाख टन रहने का अनुमान है। इसमें 13 लाख टन बीज के लिए निकालने के बाद पेराई के लिए उपलब्धता 134.55 लाख टन बचेगी। पिछले तेल वर्ष में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 126.27 लाख टन थी। इसमें से पेराई के लिए 113.27 लाख टन सोयाबीन था।