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Silver Price: नए शिखर पर चांदी, भाव ₹1.05 लाख के पार; टूटा 12 साल का रिकॉर्ड

केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि 2025 में चांदी एक शानदार परफॉर्मर के रूप में उभरी है।

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अंशु   
Last Updated- June 05, 2025 | 5:00 PM IST

Silver Price: सोने की कीमतों में जोरदार तेजी के बाद अब चांदी की बारी है। गुरुवार को वायदा बाजार में चांदी की कीमतों बढ़कर ₹1,04,947 प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुंच गई। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत 12 साल के हाई पर पहुंच गई है। Comex पर चांदी 34.90 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही है, जो अगस्त 2012 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।

क्यों बढ़ रही है चांदी की चमक?

केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि 2025 में चांदी एक शानदार परफॉर्मर के रूप में उभरी है। हाल ही में इसने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर ₹1,04,947 प्रति किलोग्राम का अब तक का सर्वोच्च स्तर छू लिया, वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 12 साल के उच्चतम स्तर $34.90 प्रति औंस के करीब पहुंच गई।

उन्होंने कहा, “इस जोरदार तेजी के पीछे कई वजहें हैं। अमेरिका के आर्थिक आंकड़े कमजोर हैं। दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। डॉलर की वैल्यू में गिरावट आई है। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर एनर्जी जैसे सेक्टर्स से चांदी की औद्योगिक मांग भी तेजी से बढ़ रही है।”

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Gold-Silver Ratio में आई गिरावट

केडिया ने बताया कि बाजार में बदलाव का एक अहम संकेत गोल्ड-सिल्वर रेश्यो में आई तेज गिरावट है, जो 107 से घटकर 95 हो गया है। इसका मतलब है कि अब निवेशक सोने के मुकाबले चांदी को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें इसमें बेहतर वैल्यू और ग्रोथ की संभावनाएं नजर आ रही हैं। इतिहास गवाह है कि जब यह रेश्यो घटता है, तो चांदी आमतौर पर बेहतर प्रदर्शन करती है। यही वजह है कि बाजार में चांदी को लेकर उत्साह बढ़ रहा है।

चांदी की कीमतें ₹1.30 लाख तक पहुंचने की संभावना

हालांकि, आगे का रास्ता पूरी तरह आसान नहीं होगा। वैश्विक मौद्रिक नीति को लेकर जारी अनिश्चितता, अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों में उतार-चढ़ाव और बदलती महंगाई की स्थिति के कारण बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।

केडिया का अनुमान हैं कि चांदी इस साल ₹1,30,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंचने की मजबूत स्थिति में जरूर है, लेकिन व्यापक आर्थिक बदलावों के बीच दामों में करेक्शन भी आ सकता है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।

कुल मिलाकर, चांदी अभी भी दोहरी भूमिका निभा रही है—एक तरफ यह मौद्रिक हेज (सुरक्षा) के रूप में काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर औद्योगिक वृद्धि की कहानी भी बयान कर रही है। आने वाले महीनों में इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि वह इन दोनों भूमिकाओं को कितना संतुलित रख पाती है।

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गिरावट पर करें खरीदारी

मिरे असेट शेयरखान में एसोसिएट वीपी, फंडामेंटल करेंसीज व कमोडिटीज प्रवीण सिंह कहते हैं, “फिलहाल निवेशकों में रिस्क लेने की भावना मजबूत है और सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) में होल्डिंग्स बढ़ रही हैं, ऐसे में चांदी का प्रदर्शन अच्छा रहने की संभावना है—जब तक कि अमेरिकी डॉलर में तेज उछाल न आए या बाजार में अत्यधिक जोखिम से बचने का माहौल न बन जाए।”

उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में सलाह दी जाती है कि हर गिरावट पर खरीदारी की जाए, क्योंकि चांदी के 35 डॉलर (₹1,02,500) के अहम रेजिस्टेंस लेवल को परखने की उम्मीद है। अगर यह स्तर टूटता है, तो कीमत तेजी से 37 डॉलर (₹1,08,000) तक पहुंच सकती है। निकट भविष्य में 33.50–33.70 डॉलर (₹98,200–₹98,800) का दायरा एक अहम सपोर्ट जोन की तरह काम करेगा।

First Published : June 5, 2025 | 4:22 PM IST