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डॉलर पर हावी हुआ रुपया, टैरिफ में राहत की उम्मीदें और S&P रेटिंग अपग्रेड से बढ़ा बाजार का विश्वास

रुपया 0.45 फीसदी बढ़कर 86.96 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो 29 जुलाई के बाद सबसे मजबूत स्तर है। रुपया सोमवार को 87.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- August 19, 2025 | 10:33 PM IST

डॉलर के मुकाबले रुपये में आज 3 जुलाई के बाद सबसे बड़ी एकदिवसीय बढ़त देखी गई। अमेरिका में भारतीय सामान पर अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क पर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के रुख नरम करने की उम्मीद से रुपये में मजबूती आई है। भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के कारण ट्रंप प्रशासन ने भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 फीसदी का शुल्क लगाने की घोषणा की है। अमेरिका ने भारत द्वारा तेल की खरीद को अवसरवादी और रूस को अलग-थलग करने के वैश्विक प्रयासों के लिए हानिकारक बताया है। अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से प्रभावी होगा।

रुपया 0.45 फीसदी बढ़कर 86.96 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो 29 जुलाई के बाद सबसे मजबूत स्तर है। रुपया सोमवार को 87.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। शेयर बाजार में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी रही। सेंसेक्स 370.64 अंक बढ़कर 81,644.39 पर बंद हुआ। निफ्टी 103.70 अंक चढ़कर 24,980.65 पर बंद हुआ। 

केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सरल बनाने और 12 फीसदी तथा 28 फीसदी कर स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है। इससे भी रुपये को बल मिला। एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा देश की सॉवरिन क्रेडिट रेटिंग बढ़ाए जाने से भी विदेशी मुद्रा बाजार में धारणा सकारात्मक बनी रही। इन सभी कारकों से बीते दो दिन में डॉलर के मुकाबले रुपया 0.7 फीसदी मजबूत हुआ है।

एक निजी बैंक के एक विदेशी मुद्रा डीलर ने कहा, ‘रेटिंग में सुधार होने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने खरीदारी की। इसके अलावा रूस और अमेरिका के बीच शांति वार्ता ठीक रही और दोनों देशों के बीच संबंध सुधरते हैं तो भारत को 25 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ सकता है। इन सब का असर मुद्रा बाजार में दिखा।’ हाल ही में भारत से होने वाले निर्यात पर अमेरिका द्वारा शुल्क में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी से व्यापार तनाव बढ़ गया था और निवेशकों का भरोसा कम हो गया था। विदेशी पोर्टफोलियो ने निकासी शुरू कर दी थी मगर सोमवार को ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को आश्वासन दिया कि अमेरिका रूस के साथ युद्ध को समाप्त करने के लिए किसी भी समझौते के तहत यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी देने में मदद करेगा। इसका बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘एशियाई मुद्राओं में रुपया का प्रदर्शन बेहतर रहा। सरकार का विकासोन्मुखी नीतियों पर ध्यान और वैश्विक रेटिंग एजेंसी द्वारा हाल ही में क्रेडिट रेटिंग में सुधार ने भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ाया है। विदेशी फंड ने फिर से खरीदारी शुरू की है। इससे डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है।’

डॉलर के मुकाबले रुपया सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्रा थी। रुपये 0.45 फीसदी बढ़ा जबकि हॉन्ग कॉन्ग डॉलर में 0.26 फीसदी की वृद्धि हुई। इस बीच इंडोनेशियाई रुपिया 0.3 फीसदी की गिरावट के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रही।

चालू वित्त वर्ष में रुपये में 1.71 फीसदी की नरमी आई है जबकि मौजूदा कैलेंडर वर्ष में यह 1.54 फीसदी कमजोर हुआ है। मेगर अगस्त में अब तक डॉलर के मुकाबले इसमें 0.74 फीसदी की तेजी आई। 

दूसरी ओर प्रस्तावित कर कटौती से राजकोषीय चिंता के पुनर्जीवित होने और ऋण आपूर्ति बढ़ने के डर से सरकारी बॉन्ड बाजार में बिकवाली जारी रही।

बेंचमार्क 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड की यील्ड कारोबार के दौरान 6.55 फीसदी तक बढ़ गया मगर कारोबार की समाप्ति पर यह 6.51 फीसदी पर बंद हुआ। 6 जून को रीपो दर में 50 आधार अंक की कटौती के बाद से 10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड की यील्ड 22 आधार अंक बढ़ी है।

First Published : August 19, 2025 | 10:19 PM IST