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डीजल की आपूर्ति में किल्लत के बावजूद दिल्ली में राहत

Last Updated- December 06, 2022 | 10:45 PM IST

तेल की कीमतों ने इस समय दुनिया को बुरी तरह से डरा रखा है। कीमतें तो बढ़ ही रही हैं लेकिन अब बढ़ी हुई कीमत में भी पेट्रोलियम उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचते नहीं दिख रहे हैं।


इस समय डीजल की आपूर्ति प्रभावित हो रही है जिसकी वजह से पेट्रोल पंप डीलर और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन राहत की बात है कि राजधानी दिल्ली को इस किल्लत का सामना नहीं करना पड़ रहा है।


दिल्ली पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन के अध्यक्ष अतुल पेशावरिया कहते हैं कि दिल्ली में तकरीबन 400 पेट्रोल पंप हैं और किसी ने भी इस बाबत शिकायत नहीं की है। पेशावरिया हाल ही में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स के अध्यक्ष भी चुने गये हैं। उनका कहना है कि राजधानी में डीजल की आपूर्ति एकदम सामान्य है।


हालांकि उनका मानना है कि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में जो उछाल आता जा रहा है वो बेहद चिंताजनक है। वैसे भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें सरकार तय करती है लेकिन सरकार भी आखिरकार कब तक नुकसान झेलती रहेगी।


गौरतलब है कि पेट्रोलियम पदार्थो में डीजल की बिक्री ही सबसे ज्यादा होती है। यदि राजधानी दिल्ली की ही बात करें तो यहां भी पेट्रोल और सीएनजी की तुलना में डीजल ही अधिक बेचा जाता है। सारे भारी वाहन और अधिकतर मल्टी यूजर वीकल (एमयूवी) डीजल से ही चलते हैं। सरकार को भी पेट्रोलियम पदार्थों से मिलने वाले राजस्व में  डीजल की हिस्सेदारी ही सबसे अधिक है।


दिल्ली पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन के संयुक्त सचिव अनुराग नारायण भी अपने संगठन के मुखिया के सुर में सुर मिलाते हुए कहते हैं कि दिल्ली में डीजल आपूर्ति में कोई समस्या नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के डिपो में कुछ समस्या आने की वजह से डीजल की आपूर्ति पर बेहद मामूली सा असर पड़ा था बावजूद इसके डीजल की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं आई है।


दरअसल दिल्ली में डीजल अधिक बिकने की एक और वजह है। वह यह कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की तुलना में दिल्ली में डीजल की कीमतें डेढ़ रुपये प्रति लीटर तक कम है। इसके चलते उत्तर प्रदेश से दिल्ली माल ढोने वाले ट्रक दिल्ली में  डीजल भी भरवा लेते हैं। इस वजह से भी दिल्ली में डीजल की  मांग अधिक है।


दूसरी ओर पेशावरिया कहते हैं कि डीजल की आपूर्ति में कोई कमी नहीं आई है। यदि कमी आती है तो पेट्रोल पंपों के कारोबार पर बहुत ही बुरा असर पड़ेगा। क्योंकि डीजल ही उनकी आमदनी का बड़ा जरिया है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में यूरो-3 श्रेणी का डीजल बेचा जाता है जोकि पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाता है।

First Published - May 12, 2008 | 12:39 AM IST

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