facebookmetapixel
Tata Capital IPO vs LG IPO: अगले हफ्ते होगी साल के दो सबसे बड़े IPO की लिस्टिंग, क्या नया रिकॉर्ड बनाएंगे टाटा और एलजी?60/40 की निवेश रणनीति बेकार…..’रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने निवेशकों को फिर चेतायाTCS में 26% तक रिटर्न की उम्मीद! गिरावट में मौका या खतरा?किसानों को सौगात: PM मोदी ने लॉन्च की ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाएं, दालों का उत्पादन बढ़ाने पर जोरECMS योजना से आएगा $500 अरब का बूम! क्या भारत बन जाएगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब?DMart Q2 Results: पहली तिमाही में ₹685 करोड़ का जबरदस्त मुनाफा, आय भी 15.4% उछलाCorporate Actions Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में होगा धमाका, स्प्लिट- बोनस-डिविडेंड से बनेंगे बड़े मौके1100% का तगड़ा डिविडेंड! टाटा ग्रुप की कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेBuying Gold on Diwali 2025: घर में सोने की सीमा क्या है? धनतेरस शॉपिंग से पहले यह नियम जानना जरूरी!भारत-अमेरिका रिश्तों में नई गर्मजोशी, जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत गोर से नई दिल्ली में की मुलाकात

पाम ऑयल जमीन पर सोया भी लड़खड़ाया

Last Updated- December 08, 2022 | 3:03 AM IST

वनस्पति तेल जमीन पर लोट चुका है। मंदी की मार एवं कच्चे तेल के दाम में गिरावट ने वनस्पति तेलों की धार को बिल्कुल ही गायब कर दिया है।


65-66 रुपये प्रति किलो (गत मई-जून में) बिकने वाला क्रूड पाम ऑयल (सीपीओ) 23-24 (कांडला पोर्ट पर) रुपये प्रति किलो के स्तर पर आ गया है। हर दूसरे दिन हो रही इस गिरावट के कारण बाजार में तेल आयातकों के डिफॉल्टर होने की संख्या बढ़ती जा रही है।

कारोबारियों के आपसी संबंध भी खराब हो रहे हैं। फिलहाल तीन सप्ताह तक वनस्पति तेल के आयात पर कोई कर लगने की उम्मीद नहीं होने के कारण सीपीओ की कीमत 20 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ सकती है।  

डिफॉल्टरों में वृध्दि

वनस्पति तेल के दाम में इस ऐतिहासिक कमी के कारण खाद्य तेल के बाजार में डिफॉल्टरों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। इंडोनेशिया ने 30 डिफॉल्टरों के नाम को उजागर किया था, लेकिन बाजार सूत्रों का कहना है कि निश्चित रूप से 100 से अधिक आयातक डिफॉल्टर हो चुके हैं।

एक आयातक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, ‘हर सप्ताह 5 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट हो रही है। कौन आयातक लाखों रुपये का घाटा सहेगा।’ वनस्पति तेल के आयातक हरीश कहते हैं, ‘उन्होंने पिछले 4 महीनों से तेल का आयात करना बंद कर दिया है।’


क्यों सोया है तेल

बाजार सूत्रों के मुताबिक मलेशिया एवं इंडोनेशिया के पास फिलहाल करीब 30 लाख टन पॉम तेल का स्टॉक है। कच्चे तेल की कीमत मांग में कमी के कारण 57 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ चुकी है। बायो-ईंधन की कोई गुंजाइश नहीं बन रही है।

विश्व खाद्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस साल विश्व में तिलहन का कुल उत्पादन 420.3 मिलियन टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2007-08 में यह उत्पादन 393.8 मिलियन टन था। इस साल पाम तेल के कारोबार में 33.7 मिलियन टन का इजाफा होगा और खाद्य तेल बाजार में इसकी हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक हो जाएगी। 

कारोबारियों की मांग

दिल्ली वेजीटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी हेमंत गुप्ता कहते हैं, ‘कारोबारी एवं सोयाबीन उत्पादकों को बचाने के लिए सरकार को वनस्पति तेल के आयात पर फिर से कर लगाना चाहिए। ‘ पिछले सप्ताह बाजार में सीपीओ के आयात पर 30 फीसदी तो रिफाइन के आयात पर 37 फीसदी तक आयात शुल्क लगाने की चर्चा जोरों पर थी।

सोया तेल भी धड़ाम

सोयाबीन की कीमत इन दिनों 1400 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि किसानों को उम्मीद थी कि इस दौरान उन्हें कम से कम 2000 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिल जाएगी। इस साल विश्व में सोया के उत्पादन में 180 लाख टन में बढ़ोतरी का अनुमान है। विश्व खाद्य संगठन के मुताबिक इस साल यह उत्पादन 238 मिलियन टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल यह उत्पादन 220 मिलियन टन था।  

First Published - November 12, 2008 | 10:41 PM IST

संबंधित पोस्ट