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रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसला तेल

Last Updated- December 07, 2022 | 12:03 AM IST

कच्चे तेल की की कीमत शुक्रवार को 127 डॉलर प्रति बैरल की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच कर 125.32 से 126.64 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। यह मंगलवार की रिकॉर्ड कीमत 126.98 डॉलर प्रति बैरल के करीब है।


क्यों बढ़ रही हैं कच्चे तेल की कीमतें

2003 से अब तक कच्चे तेल की जितनी मांग बढ़ी है, उसका 95फीसदी हिस्सा चीन और भारत जैसे उभरते देशों का है। इसकी वजह है, इन देशों में बढ़ती निजी वाहनों की जबरदस्त तादाद।

तेल के खेल से कैसे निपट रही है सरकार

कच्चे तेल के 127 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने के बावजूद सरकार इसकी बढ़ती कीमतों को लोगों तक पहुंचने में ढाल का काम कर रही है। उसे तेल विपणन कंपनियों को होने वाले हजारों करोड़ के घाटे को वहन करना पड़ रहा है। हालांकि एक बड़ा हिस्सा अभी भी इन्हीं कंपनियों को ही उठाना पड़ रहा है।

सरकार और इन कंपनियों द्वारा घाटा वहन करने के कारण लोगों को कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार से हो रही खरीद की तुलना में बहुत सस्ता पड़ रहा है। अन्यथा कीमतें कहां तक पहुंचती, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

First Published - May 17, 2008 | 1:57 AM IST

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