कमोडिटी

पांच साल में 35 फीसदी बढ़ सकती है सरसों की पैदावार: SEA

Mustard production in India: कृषि की आदर्श तकनीकों को अपनाने पर मौजूदा उपलब्ध बीजों से भी सरसों की पैदावार को अगले पांच वर्षों में 35 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है।

Published by
संजीब मुखर्जी   
Last Updated- April 04, 2024 | 10:32 PM IST

आनुवांशिक सरसों से उपज बेहतर होने की चर्चा के दौर में सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने अपनी प्रायोगिक परियोजना के हवाले से जानकारी दी है कि कृषि की आदर्श तकनीकों को अपनाने पर मौजूदा उपलब्ध बीजों से भी सरसों की पैदावार को अगले पांच वर्षों में 35 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है।

यह प्रायोगिक परियोजना पांच राज्यों में फैले 3,500 मॉडल खेतों में चलाई गई थी। इस परियोजना में 1,25,000 किसान शामिल थे। घरेलू तिलहन निष्कर्षकों के प्रमुख संघ एसईए ने सॉलिडेरिडैड नेटवर्क के सहयोग से पायलट कार्यक्रम का संचालन किया।

सॉलिडेरिडैड अंतरराष्ट्रीय स्तर का सिविल सोसायटी संगठन है। यह संगठन सामाजिक रूप से जिम्मेदार, पारिस्थितिक रूप से सुदृढ़ और लाभदायक आपूर्ति श्रृंखला के विकास को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से काम कर रहा है।

यह प्रायोगिक परियोजना 2020-21 में पहले राजस्थान के पांच जिलों में शुरू हुई थी। फिर अन्य राज्यों में योजना का विस्तार हुआ था।

First Published : April 4, 2024 | 10:32 PM IST