वायदा बाजार नियंत्रित करने वाली संस्था वायदा बाजार आयोग ने मंगलवार को कहा कि प्रतिबंधित जिंसों के वायदा कारोबार पर लगे प्रतिबंध को और ढाई महीने तक बढ़ा देने से कृषि उत्पादों के वायदा कारोबार का विकास प्रभावित होगा।
सरकार के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए एफएमसी अध्यक्ष बी. सी. खटुआ ने कहा कि चार जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध की अवधि ढाई महीने और बढ़ा देने से वायदा बाजार पर नकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध से कृषि का वायदा पहले ही प्रभावित हुआ है। हालांकि गैर-कृषि जिंसों के कारोबार का विस्तार होने से नुकसान की भरपाई हो चुकी है।
खटुआ के मुताबिक, इस रोक के बाद भी बाजार का सकारात्मक विकास हो रहा है। गौरतलब है कि मई में महंगाई पर अंकुश लगाने की खातिर सरकार ने चार जिंसों आलू, सोया तेल, चना और रबर के वायदा कारोबार पर चार महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बावजूद महंगाई पर उम्मीद के मुताबिक नियंत्रण नहीं हो पाया। ऐसे में सरकार ने कोई खतरा मोल न लेते हुए पिछले हफ्ते इन जिंसों पर लगे प्रतिबंध को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया।एफएमसी के अनुसार, प्रतिबंध की अवधि बढ़ाने से पहले एफएमसी ने सरकार के समक्ष अपनी राय रखी थी।