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एमसीएक्स पहुंची हिंदुस्तान कॉपर

Last Updated- December 06, 2022 | 10:05 PM IST

घरेलू कमोडिटी बाजार में कारपोरेट कंपनियों की बढ़ती सहभागिता का नमूना पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) ने देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में हेजिंग कारोबार शुरू कर दिया है।


इसके लिए उसने ब्रोकिंग फर्म रेलिगेयर कमोडिटीज लिमिटेड (आरसीएल) की सेवाएं ली हैं। 5 मई को इसे पहला ऑर्डर भी मिल गया जिसे पूरा कर दिया गया है। सूत्र ने बताया कि कंपनी अब किसी और स्थान पर कारोबार की इच्छुक नहीं है। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि एचसीएल वायदा बाजार में हेजिंग कारोबार के लिए उतरने वाली देश की पहली बड़ी धातु और तांबा उत्पादक कंपनी है।


उसके मुतबिक,कंपनी के लिए यह अनुभव सीखने वाला रहा है। मालूम हो कि यह कंपनी फिलहाल 40 हजार टन तांबा उत्पादित करती है और इस लिहाज से यह स्टरलाइट और हिंडाल्को जैसी कंपनियों से छोटी है। पर कंपनी के पास खनन, रिफाइनिंग, ढलाई जैसी हर तरह की बुनियादी सुविधाएं मौजूद है।


मालूम हो कि दुनिया की बड़ी कंपनियां कमोडिटी वायदा बाजार का उपयोग हेजिंग कारोबार के खतरे को कम करने के लिए करती हैं। कंपनी के मौजूदा कदम के महत्व का पता इस बात से लगता है कि हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड देश की पहली ऐसी तांबा उत्पादक कंपनी है जिसने देश के कमोडिटी बाजार में हेजिंग कारोबार शुरू किया है।


यह मामला बिल्कुल उसी तरह है जैसे कि बड़ी धातु कंपनियां लंदन स्थित लंदन मेटल एक्सचेंज का उपयोग हेजिंग के लिए करती हैं। सूत्र बताते हैं कि, बड़े धातु उत्पादकों जैसे नाल्को, बाल्को, झगड़िया कॉपर और स्टरलाइट भी अब एमसीएक्स में धातुओं के वायदा कारोबार की बढ़ती संभावनाओं का दोहन करने के लिए उतरने का मन बना रही है।


इसी तरह, धातु संवर्द्धक और उपभोक्ता जैसे बिमानी जिंक, श्याम टेली, जिंदल और ल्यूमैक्स ऑटो भी भारतीय कमोडिटी एक्सचेंज में हेजिंग कारोबार की संभावनाओं का लाभ उठाने के मौके तलाश रहे हैं। जानकारों का मानना है कि एचसीएल के एमसीएक्स में प्रवेश करने से दूसरी कंपनियों के मनोबल पर सकारात्मक असर पड़ेगा। कमोडिटी एक्सचेंज तो पूरी कोशिश कर रहा है कि बड़ी कंपनियां वहां आयें ताकि छोटी कंपनियों की सहभागिता इससे आसान बने।


एचसीएल कंपनी ने पहले कहा था कि वह लंदन मेटल एक्सचेंज में हेजिंग कारोबार शुरू करने के लिए कंसल्टेंट की सेवाएं लेने पर विचार कर रही है। हालांकि संसाधनों की कमी की वजह से इस योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाला जा चुका है। इस कंपनी के एक अधिकारी ने हेजिंग की मात्रा बताए बगैर कहा कि कंपनी ने न्यूनतम लक्ष्य तय कर लिया है। पर कंपनी की रणनीति के बारे में उसने बताया कि इस बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी।

First Published - May 8, 2008 | 11:40 PM IST

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