Gold prices on 14th April 2025: ग्लोबल मार्केट से मिल नेगेटिव संकतों के बीच घरेलू फ्यचर्स मार्केट यानी (MCX) पर सोमवार (14 अप्रैल) को शाम के सत्र में सोना एक फीसदी गिरकर 93 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे चला गया। पिछले शुक्रवार को यह 93,940 रुपये के नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। घरेलू स्पॉट मार्केट आज अंबेडकर जयंती के अवसर पर बंद रहे, जबकि घरेलू फ्यचर्स मार्केट यानी एमसीएक्स (MCX) पर सिर्फ शाम के सत्र में कारोबार हो रहा है।
ग्लोबल मार्केट में भी कीमतों में 1 फीसदी की कमजोरी देखी जा रही है। हालांकि बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड सोमवार को शुरुआती कारोबार में 3,245.76 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड हाई तक ऊपर गया, वहीं यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 11 अप्रैल के अपने रिकॉर्ड हाई के बेहद करीब पहुंच गया। मौजूदा कैलेंडर ईयर के दौरान इसने 24वें दिन और इस महीने पांचवें दिन रिकॉर्ड हाई बनाया। सोने की कीमतों में यह तेजी अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर के मद्देनजर बतौर सुरक्षित विकल्प (safe-haven) इस बेशकीमती धातु की मांग में आई मजबूती की वजह से आई। लेकिन बाद में कीमतें दबाव मेंं आ गईं। पिछले हफ्ते की शुरुआत में ग्लोबल बेंचमार्क कीमतें 3 हजार डॉलर प्रति औंस से नीचे चली गई थीं।
इस बीच चीन पर अमेरिकी टैरिफ के 145 फीसदी किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर ट्रेड वॉर छिड़ने की आशंका तेज हो गई है। चीन ने भी इसके जवाब में पिछले शुक्रवार को अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ को 41 फीसदी बढ़ाते हुए 125 फीसदी कर दिया।
ऊपरी स्तरों से निकल रही मुनाफावसूली ने सोने की कीमतों पर दबाव बनाया है लेकिन ब्याज दरों में कटौती की संभावना, अमेरिका सहित दुनिया की अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन और महंगाई के बढ़ने की आशंका के मद्देनजर ज्यादातर जानकार सोने को लेकर फिलहाल बेहद बुलिश हैं। उनका मानना है कि ग्लोबल लेवल पर खासकर अमेरिका और चीन के बीच छिड़े ट्रेड वॉर के मद्देनजर जो अनिश्चितता की स्थिति बनी है उसमें बतौर सुरक्षित विकल्प (safe-haven) सोने की मांग बरकरार रह सकती है। साथ ही बढ़ते जियो-पॉलिटिकल टेंशन की वजह से भी बतौर सुरक्षित विकल्प सोने की मांग में और तेजी आने की उम्मीद है। इतना ही नहीं महंगाई के खिलाफ ‘हेज’ के तौर पर सोने की पूछ परख बढ़ सकती है।
जानकार मानते हैं कि इन्वेस्टमेंट डिमांड गोल्ड के लिए इस साल सबसे ज्यादा सपोर्टिव साबित हो सकता है क्योंकि इसका सपोर्ट पिछले मई से ही मिलना शुरू हुआ है। मौजूदा तेजी से पहले जब भी गोल्ड में तेजी का दौर चला है, सबसे बड़ी भूमिका इन्वेस्टमेंट यानी ईटीएफ डिमांड ने ही निभाई है। फिर चाहे वह 2020 या 2012 की तेजी की बात कर लें।
सोने में रिकॉर्डतोड़ तेजी के बीच लोग फिलहाल इसके ईटीएफ में जमकर निवेश कर रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 4 महीने से गोल्ड ईटीएफ में इनफ्लो बना हुआ है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) के मुताबिक मार्च के दौरान ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश 8.6 बिलियन डॉलर बढ़ा। वॉल्यूम /होल्डिंग के लिहाज से इस दौरान निवेश में 92 टन की वृद्धि हुई। सोने की कीमतों में तेजी और लगातार चौथे महीने आए इनफ्लो के दम पर मार्च 2025 के अंत तक गोल्ड ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी AUM बढ़कर रिकॉर्ड 345 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। टोटल होल्डिंग भी पिछले महीने के अंत तक 3,445 टन पर दर्ज किया गया जो मई 2023 के बाद सबसे ज्यादा है। मई 2023 में टोटल होल्डिंग 3,476 टन पर था।
फरवरी की तुलना में एसेट अंडर मैनेजमेंट और टोटल होल्डिंग दोनों में कमश: 12.74 फीसदी और 2.74 फीसदी की वृद्धि हुई।
इसके अलावा सेंट्रल बैंकों की खरीदारी भी कीमतों के लिए सपोर्टिव हैं। 2022 से इसने सोने को लगातार सबसे ज्यादा सपोर्ट किया है। बदलते जियो पॉलिटिकल परिदृश्य और टैरिफ वॉर के मद्देनजर इसके आगे भी मजबूत रहने की संभावना है। सबसे ज्यादा खरीदारी चीन के केंद्रीय बैंक की तरफ से निकलने की उम्मीद है। पिछले कुछ आंकड़ों से भी इस बात के संकेत मिलने लगे हैं। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) के मुताबिक उसकी तरफ से मार्च में 3 टन (0.09 मिलियन औंस) सोने की खरीद की गई। छह महीने के ब्रेक के बाद पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) ने लगातार पांचवें महीने ( नवंबर 2024 से लेकर मार्च 2025 तक) गोल्ड खरीदा है। मौजूदा कैलेंडर ईयर के पहले तीन महीनों के दौरान चीन के गोल्ड रिजर्व में 13 टन की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 2,292 टन पर पहुंच गया है।
यूएस डॉलर (US Dollar) में देखें तो चीन के कुल फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़कर रिकॉर्ड 6.5 फीसदी पर पहुंच गई है। फरवरी 2025 तक यह हिस्सेदारी 6 फीसदी जबकि ठीक एक साल पहले मार्च 2024 तक 4.6 फीसदी थी। इस तरह से देखें तो एक साल में चीन के फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी में 2 फीसदी का इजाफा हुआ है।
यदि ट्रंप की नीतियों की वजह से चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर टकराहट और बढ़ती है तो शायद चीन का केंद्रीय बैंक सोने की खरीद में और तेजी लाए। इस बात की गुंजाइश इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि चीन के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी अभी भी 7 फीसदी के नीचे है। जबकि भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 11 फीसदी के ऊपर पहुंच गई है। जानकार मानते हैं के बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य (geo-political scenario) के मद्देनजर चीन गोल्ड की हिस्सेदारी को कम से कम 10 फीसदी तक बढ़ाना चाहेगा।
घरेलू फ्यूचर्स मार्केट
घरेलू फ्यूचर्स मार्केट एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क जून कॉन्ट्रैक्ट सोमवार को 795 रुपये यानी 0.85 फीसदी की नरमी के साथ 92,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर है। इससे पहले यह आज 167 रुपये गिरकर 93,578 रुपये के भाव पर खुला और कारोबार के दौरान 93,578 रुपये के हाई और 92,891 रुपये के लो के बीच कारोबार किया।
गोल्ड फ्यूचर (Rupees/10 gm)
तारीख | कॉन्ट्रैक्ट | पिछला क्लोजिंग | ओपनिंग | इंट्राडे हाई | इंट्राडे लो | लास्ट ट्रेडिंग प्राइस | बदलाव |
14 अप्रैल 2025 | गोल्ड जून कॉन्ट्रैक्ट | 93,745 | 93,578 | 93,578 | 92,891 | 92,950 | -795 (-0.85%) |
(Source: MCX 6:40 pm IST)
ग्लोबल मार्केट
ग्लोबल मार्केट में बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड (spot gold) कारोबार के दौरान आज रिकॉर्ड 3,245.76 डॉलर प्रति औंस तक ऊपर और 3,193.66 डॉलर प्रति औंस तक नीचे गया। फिलहाल यह 1.21 फीसदी की गिरावट के साथ 3,197 डॉलर प्रति औंस पर है। इसी तरह बेंचमार्क यूएस जून गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX JUN′25) भी आज कारोबार के दौरान रिकॉर्ड 3,261.60 डॉलर और 3,213.80 डॉलर प्रति औंस के रेंज में रहा। फिलहाल यह 0.63 फीसदी की नरमी के साथ 3,224.20 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है।
इंटरनेशनल गोल्ड (USD/ounce)
तारीख | गोल्ड | पिछला क्लोजिंग | ओपनिंग | इंट्राडे हाई | इंट्राडे लो | लास्ट ट्रेडिंग प्राइस | बदलाव |
14 अप्रैल 2025 | गोल्ड जून कॉन्ट्रैक्ट (COMEX) | 3,244.60 | 3,246 | 3,261.60 | 3,213.80 | 3,224.20 | -20.40 (-0.63%) |
14 अप्रैल 2025 | स्पॉट गोल्ड | 3,236.21 | 3,236.21 | 3,245.76 | 3,193.66 | 3,197 | -39.21 (-1.21%) |
Source: Bloomberg (5:50 PM IST)