facebookmetapixel
दूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशानाइक्जिगो बना रहा एआई-फर्स्ट प्लेटफॉर्म, महानगरों के बाहर के यात्रियों की यात्रा जरूरतों को करेगा पूरासेल्सफोर्स का लक्ष्य जून 2026 तक भारत में 1 लाख युवाओं को एआई कौशल से लैस करनाअवसाद रोधी दवा के साथ चीन पहुंची जाइडस लाइफसाइंसेजQ2 Results: ओएनजीसी के मुनाफे पर पड़ी 18% की चोट, जानें कैसा रहा अन्य कंपनियों का रिजल्टअक्टूबर में स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड 2.4 अरब डॉलर, FY26 में 50% की ग्रोथसुप्रीम कोर्ट के आदेश से वोडाफोन आइडिया को एजीआर मसले पर ‘दीर्घावधि समाधान’ की उम्मीदछोटी SIP की पेशकश में तकनीकी बाधा, फंड हाउस की रुचि सीमित: AMFI

वायदा व महंगाई में नहीं है कोई रिश्ता : एफएमसी

Last Updated- December 06, 2022 | 10:05 PM IST

जिंस वायदा बाजार के नियंत्रक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने कहा है कि सरकार ने जिन चार जिंसों के कारोबार पर रोक लगाई है, उससे महंगाई रोकने में कोई मदद नहीं मिलेगी।


आयोग का कहना है कि इस कदम इतना जरूर है कि कमोडिटी एक्सचेंजों के कारोबार पर जरूर असर पड़ेगा। गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार देर रात चार जिंसों के वायदा कारोबार पर चार महीने के रोक लगा दी । इन जिंसों में आलू, चना, रबर और सोया ऑयल शामिल हैं।


वायदा बाजार आयोग के अध्यक्ष बी सी खटुआ ने कहा है कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने चार जिंसों के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी है जबकि इस बात के ठोस सबूत नहीं मिले हैं कि वायदा बाजार की वजह से कीमतें बढ़ी हैं। उनका कहना है कि महंगाई दर और वायदा कारोबार में कोई भी सीधा संबंध नहीं है।


खटुआ का कहना है कि इससे नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) का कारोबार 60 फीसदी तक कम हो जाएगा। उनका कहना है कि इंदौर का नैशनल बोर्ड ऑफ ट्रेड (एनबीओटी) इससे बहुत प्रभावित होगा क्योंकि यहां पर केवल सोया ऑयल का ही वायदा कारोबार होता है, इस पर प्रतिबंध लगाने से इसकी जाहिर है यहां कारोबार ही बंद हो जाएगा।


हालांकि खटुआ का मानना है कि सरकार ने इन जिंसों के वायदा कारोबार पर जो 4 महीने का प्रतिबंध लगाया है, वो निर्धारित समय के बाद खत्म कर दिया जाएगा। उनको उम्मीद है कि इन जिंसों का वायदा कारोबार फिर से शुरू हो जाएगा।


चार और जिंसों के वायदा कारोबार पर रोक लगाने से प्रतिबंधित जिंसो की संख्या 8 हो गई है। इससे पहले सरकार गेहूं, चावल, उड़द और तुअर के वायदा कारोबार पर रोक लगा चुकी है। हालांकि खटुआ निवेशकों को आश्वस्त करते हैं कि जल्द ही इन आठों जिंसों का वायदा कारोबार फिर से शुरू हो जाएगा।


दूसरी ओर सोयाबीन प्रोसेसर्स असोसिएशन के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल का कहना है कि महंगाई को काबू में करने के लिए सरकार का यह कदम सही नहीं है। उन्होंने कहा कि खाद्य तेल की कीमतें मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती हैं।

First Published - May 8, 2008 | 11:35 PM IST

संबंधित पोस्ट