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एफसीआई ने रचा अनाज खरीदारी का इतिहास

Last Updated- December 07, 2022 | 8:40 PM IST

ऐसे समय में जब देश महंगाई के दौर से गुजर रहा है, अनाज की खरीदारी और वितरण करने वाली भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने लगभग 500 लाख टन गेहूं और चावल की रेकार्ड खरीदारी कर इतिहास रचने में सफल रहा है।


एफसीआई की यह खरीदारी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले वर्ष चुनाव होने हैं। आवश्यकता से अधिक अनाज का भंडार होने से खुले बाजार में मूल्य में स्थिरता रहेगी और और कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो सरकार इसमें हस्तक्षेप कर पाएगी। इसके अतिरिक्त, कमजोर तबके के लोगों में सरकार अतिरिक्त मात्रा को आवंटित कर सकती है।

थोक मूल्य सूचकांक में चावल और गेहूं की भागीदारी संयुक्त रूप से 3.83 प्रतिशत की है। उल्लेखनीय है कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर पिछले कुछ सप्ताहों से 12 प्रतिशत के स्तर से अधिक पर चल रही हैं। हाल ही में गेहूं की कीमतों में नरमी लाने के लिए कैबिनेट ने खुले बाजार में गेहूं की बिक्री को मंजूरी दी थी। छूट वाली दरों पर राज्य सरकारों 10 लाख टेन गेहूं बेचने का निर्णय लिया गया है।

अनाजों की खरीदारी पिछले वर्ष की तुलना में 38 प्रतिशत अधिक हुई है। 500 लाख टन अनाज की खरीदारी में गेहूं की खरीद में हुई बढ़ोतरी की भूमिका प्रमुख है। हालांकि, चावल की खरीदारी भी अब तक की सबसे अधिक खरीद के करीब है।

एफसीआई के अघ्यक्ष और प्रबंध निदेशक आलोक सिन्हा ने कहा को विश्वास है कि चावल की खरीदारी 30 सितंबर तक (जब विपणन का चालू सीजन समाप्त होगा) सर्वाधिक 277 लाख टन तक पहुंच जाएगी। इस बम्पर खरीदारी से साफ संकेत मिलता है कि गेहूं की सट्टा आधारित खरीदारी से निजी कारोबारियों को दूर रखा गया है।

उपभोक्ताओं के प्रति सकारात्मक रुख रखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में हुई बढ़ोतरी से किसानों को काफी लाभ हुआ है। गेहूं के खरीद मूल्य में पिछले तीन वर्षों में लगभग 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी (बोनस सहित) है और इस साल यह 1,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा है जबकि सामान्य श्रेणी के धान का एमएसपी 22 प्रतिशत बढ़ कर 695 रुपये प्रति क्विंटल रहा है। 

गेहूं के मामले में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को प्रमुख रुप से लाभ हुआ है और चावल के मामले में पंजाब, आंध्र प्रदेश उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के किसान लाभ में रहे हैं। सरकार की भंडारण क्षमता 400 लाख टन की है जिसमें से 240 लाख टन की भंडारण क्षमता एफसीआई के पास है और शेष किराए पर लिया गया है। परिणामस्वरुप रेकॉर्ड खरीदारी के बावजूद भंडारण की कोई समस्या नहीं है।

500 लाख टन अनाज
वर्ष       गेहूं की खरीद    चावल की खरीद       कुल
2002         19                       21.2                   40.2
2003         15.8                   15.8                   31.6
2004         16.8                   22.9                   39.7
2005        14.79                 24.5                    39.29
2006          9.2                   27.6                    36.8
2007       11.13                 25.1                    36.23
2008       22.54                 27.3*                  49.84
आंकड़े 10 लाख टन में     *खरीद जारी है

First Published - September 10, 2008 | 12:47 AM IST

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