सोयाबीन की नई फसल अच्छी होने की उम्मीद में इसके दाम लगातार गिर रहे हैं। महीने भर में भाव 1,000 रुपये प्रति क्विंटल गिर चुके हैं। नई फसल के भाव 5,000 रुपये क्विंटल से नीचे खुल सकते हैं और भाव लुढ़क कर 4,500 रुपये तक भी आ सकते हैं। विदेशी बाजार में खाद्य तेलों के दाम गिरने के बीच भारत सरकार द्वारा देश में भी खाद्य तेल सस्ते करने पर जोर देने के कारण भी सोयाबीन की कीमतों में नरमी आई है।
सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश की अशोकनगर मंडी के सोयाबीन कारोबारी राजेश पालीवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस साल सोयाबीन की पैदावार बढ़ने के साथ ही इसकी गुणवत्ता भी रहने की उम्मीद है, बशर्ते आगे ज्यादा बारिश से नुकसान न हो। उत्पादन बढ़ने की उम्मीद में महीने भर में सोयाबीन के भाव 1,000 रुपये घटकर 5,200-5,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। पहले किसानों ने नई आवक से पहले सोयाबीन के भाव ज्यादा मिलने की उम्मीद में इसका स्टॉक कर रखा था। लेकिन ऐसा न होने से अब वे मंडियों में आवक बढ़ा रहे हैं।
मंडी में इस समय 1,500 से 2,000 बोरी सोयाबीन की आवक हो रही है, जबकि आमतौर इस समय 150 से 200 बोरी ही आवक होनी चाहिए। ओरिगो ई-मंडी के सहायक महाप्रबंधक (जिंस-शोध) तरुण तत्संगी कहते हैं चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन की बंपर फसल की संभावना, सरसों का ज्यादा स्टॉक और मलेशिया में कच्चे पाम तेल की कीमतों में कमजोरी की वजह से सोयाबीन की कीमतों में लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है।